विवि की बीएड की परीक्षाएं शुरू, सुरक्षा के रहे कड़े बंदोबस्त

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में बीएड की परीक्षाएं मंगलवार से शुरू हो गईं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 07:49 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 07:49 PM (IST)
विवि की बीएड की परीक्षाएं शुरू, सुरक्षा के रहे कड़े बंदोबस्त
विवि की बीएड की परीक्षाएं शुरू, सुरक्षा के रहे कड़े बंदोबस्त

बागपत, जेएनएन : चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में बीएड की परीक्षाएं मंगलवार से कड़े सुरक्षा बंदोबस्तों के बीच शुरू हुई। नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए आंतरिक सचल दस्तों ने गहन तलाशी ली।

विवि ने इस बार निजी संस्थानों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया है, जिसके कारण सभी सहायता प्राप्त महाविद्यालयों पर परीक्षार्थियों का दवाब बढ़ गया। मंगलवार को शहर में बनाए गए तीन परीक्षा केंद्रों पर जिले के साथ-साथ अन्य जनपदों के परीक्षार्थी भी परीक्षा देने पहुंचे। बड़ौत में जैन स्थानकवासी ग‌र्ल्स डिग्री कालेज, जनता वैदिक महाविद्यालय, दिगंबर जैन कालेज को परीक्षा केंद्र बनाया गया है। सुबह 7.30 बजे बारिश के बीच पहली पाली की परीक्षा शुरू हुई, जिसके कारण परीक्षार्थी भीगते हुए परीक्षा केंद्र पर पहुंचे। परीक्षा केंद्र पर आने वाले सभी परीक्षार्थियों को थर्मल स्कैनिग और मास्क के साथ ही अंदर प्रवेश दिया जा रहा था। परीक्षा के बीच में केंद्र अधीक्षक ने निरीक्षण किया और कक्ष निरीक्षकों को किसी भी प्रकार की कोई ढिलाई न बरतने के निर्देश दिए।

519 मकानों की डीपीआर

बनाने का काम शुरू

जागरण संवाददाता, बागपत: सूबे की सरकार ने पंचायत चुनाव से पहले रटौल गांव को नगर पंचायत का दर्जा दिया। नगर पंचायत का दर्जा मिलने से रटौल में प्रधानमंत्री आवास शहरी योजना लागू हो गई, जिससे सैकड़ों गरीबों का आशियाने का सपना पूरा होगा।

डूडा की परियोजना अधिकारी रजनी पुंडीर ने बताया कि रटौल में सर्वे कराया गया, जिसमें 519 परिवार आवासहीन मिले। अब इनके मकान बनवाने के लिए करीब 13 करोड़ रुपये की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने का काम शुरू हो गया। प्रत्येक लाभार्थी को मकान बनवाने को तीन किस्तों में ढाई लाख रुपये मिलेंगे।

परियोजना अधिकारी ने बताया कि बाकी आठ कस्बों में वंचित आवासहीन परिवारों के मकानों की डीपीआर भी तैयार कराकर सूडा निदेशालय लखनऊ को भेजी जाएगी। चूंकि साल 2022 तक मकानों के निर्माण का काम पूरा करना है। गौरतलब है कि जिले में 8108 परिवारों के मकान बनवाने को पैसा दिया जा चुका है, जिनमें काफी मकान बन गए हैं।

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