बिजरौल में शहीद बाबा शाहमल को किया शत-शत नमन
अमर शहीद बाबा शाहमल सिंह मावी की जन्मस्थली बिजरौल में उनका 164वां शहादत दिवस मनाया।
बागपत, जेएनएन। अमर शहीद बाबा शाहमल सिंह मावी की जन्मस्थली बिजरौल में उनका 164वां शहादत दिवस मनाया गया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में इतिहासकारों और गणमान्यों ने महान क्रांतिकारी को शत-शत नमन कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
पहली जंग-ए-आजादी (साल 1857) में क्षेत्र में क्रांति की मशाल थामने वाले बाबा शाहमल 18 जुलाई 1857 को बड़का के जंगलों में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। रविवार को उनके पैतृक गांव बिजरौल में शहीद स्मारक पर यज्ञ का आयोजन किया। इसमें बाबा के वंशज और थांबे चौधरी यशपाल सिंह, देशखाप चौधरी सुरेंद्र सिंह के पुत्र संजू तोमर, शोकेंद्र पहलवान, गौरव तोमर सहित क्षेत्र के गणमान्यों ने यज्ञ में पूर्णाहुति दी। श्रद्धांजलि सभा में बाबा के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला गया और उनके आदर्शों को जीवन में धारण करने का संकल्प लिया। पर्यावरण शुद्धि को करें हवन, रोपें पौधे :कपिल शास्त्री
भड़ल गांव में आयोजित राष्ट्र कल्याण यज्ञ के ब्रह्मा कपिल शास्त्री ने कहा कि पर्यावरण शुद्धि के लिए नियमित यज्ञ और प्राण वायु के उत्पादन के लिए पौधारोपण जरूरी है।
उन्होंने कहा कि मनुष्य का सबसे बड़ा आभूषण शील, सज्जनता और उसका आचरण होता हैं। यज्ञ को हमें अपने जीवन मे अपनाकर चलना होगा। यज्ञ रूपी वृक्ष को भूमि पर लगाना होगा। कहा कि यज्ञ ही एक ऐसा माध्यम है जो पर्यावरण को शुद्ध कर सकता है। इसी के साथ मनुष्य को अपने जीवन मे कम से कम एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए, जो पौधा आज लगाया जाएगा वो ही पौधा कल हमारे परिवार का सुरक्षा कवच बनेगा। वातावरण में कभी भी आक्सीजन की कमी नहीं आ पाएगी। यज्ञ के यज्ञमान वीरसेन रहे। यज्ञ में क्षेत्रवासियों ने आहुति डाली। इस मौके पर सोहनवीर राणा, अभि राणा, मोनू, राजीव राणा, पुष्पेंद्र राणा, त्रिपाल राणा, प्रदीप राणा, ओमवीर राणा, अजय आदि मौजूद रहे।