हद है! डकार गए गोवंश के लिए मिला लाखों का चंदा

सरूरपुरकलां के गो संरक्षण केंद्र की बदहाली किसी से छुपी नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 08:43 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 08:43 PM (IST)
हद है! डकार गए गोवंश के लिए मिला लाखों का चंदा
हद है! डकार गए गोवंश के लिए मिला लाखों का चंदा

बागपत, जेएनएन। सरूरपुरकलां के गो संरक्षण केंद्र की बदहाली किसी से छुपी नहीं है। चारे की ढंग से व्यवस्था नहीं होने से गोवंश गो संरक्षण केंद्र से बाहर निकलकर फसलों को चट कर रहे हैं। हद तो यह है कि गोवंश के लिए चंदे में मिले लाखों रुपये का हिसाब-किताब गायब है।

1.20 करोड़ रुपये से सरूरपुरकलां के गो संरक्षण केंद्र में क्षमता 250 के विपरीत 500 गोवंश है। सरकार से धन मिलने पर भी चारे के नाम पर कभी हां तो कभी ना। सूखे अगोले या पुआल काटकर गोवंश के आगे डाल दी जाती है। भूखा गोवंश अक्सर केंद्र से बाहर निकलकर फसल चट करते रहते हैं।

वहीं डीपीआरओ ने डीडीओ को भेजी रिपोर्ट में कहा कि इस संरक्षण केंद्र को आठ लाख रुपये चंदा मिला, लेकिन व्यय रजिस्टर में वाउचर नहीं मिलने से स्पष्ट है कि गबन हुआ। कैश बुक में भूसा, गन्ना, मजदूरी कटाई भुगतान दर्ज है पर मात्रा और मजदूर संख्या स्पष्ट नहीं। यह भी स्पष्ट नहीं कि दिखाया खर्च किस मद यानी चंदे या ग्राम निधि या संरक्षण केंद्र के बजट में किससे किया। साफ है कि गोवंश के बजाय तंत्र का पोषण हो रहा है।

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आश्रय स्थलों में पांच हजार गोवंश

दो गो संरक्षण केंद्र समेत 28 आश्रय स्थल हैं। इनमें दो में पशु नहीं लेकिन बाकी 26 में 4900 गोवंश हैं। अधिकांश में चारा-पानी, गर्मी और सर्दी से बचाव व्यवस्था है। सिसाना व बावली के गो आश्रय स्थल अच्छी व्यवस्था की मिसाल हैं।

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चंदे में मिले आठ लाख रुपये का हिसाब नहीं मिलने पर कार्रवाई के लिए डीडीओ को रिपोर्ट भेजी है।

-कुमार अमरेंद्र-डीपीआरओ

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-गोवंश बाहर निकलने से रोकने को केंद्र की दीवार बनवा रहे। चारा-पानी, व गर्मी से बचाव का प्रबंध है।

-रमेश चंद, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी।

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-गो संरक्षण केंद्र को चेक कराएंगे। गोवंश बाहर मिलने या अन्य गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई होगी।

-अभिराम त्रिवेदी, सीडीओ

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