गठिया का समय रहते इलाज कराना जरूरी : डा. शुभम जैन
आज विश्व गठिया दिवस है। गठिया रोग का कारण अनियमित जीवन शैली व गलत खान-पान की आदत है।
बागपत, जेएनएन। आज विश्व गठिया दिवस है। गठिया रोग का कारण अनियमित जीवन शैली व गलत खान-पान की आदत है। इस रोग से बचने के लिए चिकित्सकों ने समय रहते इलाज करने व व्यायाम करने की सलाह दी।
शहर की नई मंडी स्थित जीवन ज्योति नर्सिंग होम के हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. शुभम जैन ने बताया कि हर साल 12 अक्टूबर को विश्व गठिया दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य, इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करना है।
उन्होंने बताया कि 30-35 साल की उम्र के बाद यह बीमारी होती है, जिसका समय रहते इलाज कराना जरूरी होता है। बीमारी बढ़ने के बाद यह ज्यादा तकलीफदेह हो जाती है और सामान्य काम करना भी दूभर हो जाता है। गठित जोड़ों की सूजन है, जो दर्द के साथ पैदा होती है। शहरी आबादी के तेजी से गतिहीन होने के कारण मांसपेशियों और हड्डियों की ताकत कमजोर हो गई है। विशेष रूप से घुटने के गठिया का प्रचलन पुरुषों और महिलाओं में एक निश्चित उम्र के बाद बहुत आम हो गया है।
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गलत खानपान, अनियमित
जीवनशैली है कारण
गठिया शरीर के किसी भी हिस्से से हो सकता है। इसकी मुख्य वजह जोड़ों में यूरिक एसिड का जमा होना है, धीरे-धीरे गठिया का रूप लेने लगता है। यूरिक एसिड की मुख्य वजह है गलत खानपान और अनियमित जीवनशैली।
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ये हैं लक्षण
- भूख नहीं लगना।
- शरीर में गांठ बनना।
- लगातार हल्का बुखार रहना।
- मुंह और आंखों में सूजन रहना।
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बरतें एहतियात
- घुटनों में दर्द होने पर पालथी नहीं लगाएं।
- नियमित टहलने जाएं, व्यायाम करें, चिकित्सक की सलाह से मालिश करें।
- सीढि़यां चढ़ते समय, घूमते-फिरने के दौरान छड़ी का प्रयोग करें।
- बारिश और ठंड में गुनगुने पानी से नहाएं।
- ठंडी हवा, ठंडी नमी वाली जगह पर नहीं जाएं।
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इनसे करें परहेज
- ठंडी चीजों, दही, खट्टी और ठंडी छाछ का सेवन नहीं करें।
- अधिक प्रोटीन युक्त चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- पैकेज्ड फूड, डीप फ्राइ आइटम जरा भी नहीं खाएं।