इस मातृशक्ति का कोरोना में नहीं डगमगाया हौसला

कोरोना बीमारी से चंहुओर दहशत का मंजर था। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के बचाव किए गए थे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 09:45 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 09:45 PM (IST)
इस मातृशक्ति का कोरोना में नहीं डगमगाया हौसला
इस मातृशक्ति का कोरोना में नहीं डगमगाया हौसला

बागपत, जेएनएन। कोरोना बीमारी से चंहुओर दहशत का मंजर था। प्रशासन की ओर से सुरक्षा के बंदोबस्त किए जा रहे थे। चिकित्सक बिना किसी डर के लोगों की सुरक्षा में खड़े हो गए थे। डरे और सहमे लोगों के बीच मातृशक्ति डा. संजय ढाका अपनी टीम के साथ मुस्तैद रही। प्रवासी कामगारों और जमातियों के क्वारंटाइन स्थल में नियमित जांच कर रही थी।

पिछले साल मार्च माह में कोरोना का वायरस की एंट्री हुई, तभी से स्वास्थ्य विभाग का डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ एक्टिव हो गया था। ऐसे माहौल में बागपत सीएचसी पर तैनात महिला चिकित्साधिकरी डा. संजय ढाका ने भी अपनी जिम्मेदारी संभाली। उन्हें यमुना पुल पर यूपी-हरियाणा बोर्डर पर जिम्मेदारी दी गई। अपनी टीम के साथ वह सुबह आठ बजे बार्डर पर पहुंचकर आने वाले कामगार और संदिग्धों की जांच करतीं। लक्षण मिलते तो कामगारों को बागपत सीएचसी रेफर करतीं। कुछ समय बाद जमातियों की आमद हुई और ज्यादा दहशत बढ़ी। एक नेता के फार्महाउस को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया, यही पर जमातियों को रखा गया। यहां डा. संजय ढाका और भी जिम्मेदारी बढ़ गई। कामगारों के अलावा जमातियों की भी टीम के साथ जांच पड़ताल करतीं, यहां कई माह तक ड्यूटी दी। परिवार भी संभाला और अपनी ड्यूटी पर भी नियमित कार्य किया।

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सात बार कराई कोरोना की

जांच, हर बार निगेटिव

कोरोना महामारी के बीच डा. संजय ढाका ने अपने स्वास्थ्य का भी खयाल रखा। सात बार कोरोना की जांच कराई, लेकिन हर बार रिपोर्ट निगेटिव आई है। उन्होंने काम के दौरान हमेशा चेहरे पर मास्क लगाए रखा और हाथों ग्लब्स पहने, साथ ही हाथों को सैनिटाइजर भी करती रहीं। लोगों को भी इसके लिए जागरूक करती रही।

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गिलोय रस और गिलोय घनवटी

से कम नहीं होने दी इम्यूनिटी

वह बताती हैं कि कोरोना महामारी के दौरान इम्यूनिटी पर सबसे ज्यादा ध्यान रखा। अगर इम्यूनिटी कमजोर हो जाती तो शायद बीमारी उन्हें जकड़ लेती। उन्होंने निरंतर गिलोय रस और गिलोय घनवटी का सेवन किया और आज भी कर रही है। इसके अलाव विभिन्न प्रकार के काढ़े से भी इम्यूनिटी कमजोर नहीं होने दी।

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स्वास्थ्य विभाग के डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ ने कोरोना महामारी में जीन-जान से कार्य किया है। महिला डाक्टर और कर्मचारियों का सहयोग सराहनीय रहा है। इनमें डा. संजय ढाका के कार्य भी अच्छा रहा है। आगे भी कोरोना की जंग में हमारी टीम इसी मेहनत और लगन से कार्य करती रहेगी।

डा. आरके टंडन, मुख्य चिकित्साधिकारी।

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