भागदौड़ तो खूब हो रही, दिखाई नहीं दे रहे नए पुल

बागपत जेएनएन। पूर्वी यमुना नहर हो या कृष्णा या हिडन नदी की बात हो सभी के पुल जर्जर हो गए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 08:10 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 08:10 PM (IST)
भागदौड़ तो खूब हो रही, दिखाई नहीं दे रहे नए पुल
भागदौड़ तो खूब हो रही, दिखाई नहीं दे रहे नए पुल

बागपत, जेएनएन। पूर्वी यमुना नहर हो या कृष्णा या हिडन नदी की बात हो, सभी के पुल जर्जर हो गए हैं। विभाग के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों की भागदौड़ के कारण शासन ने पूर्वी यमुना नहर पर जर्जर पुलों को बनाने के लिए हामी भी भर दी है, लेकिन अभी तक तो नहर पर पुलों का निर्माण होता नहीं दिखाई दे रहा है। हिडन और कृष्णा नदियों की रेलिग की मरम्मत भी नहीं हुई है। पुलों के निर्माण की बात तो छोड़िए, यहां तो यमुना नदी पर बन रहे पुल का काम भी कच्छप गति से आगे बढ़ रहा है। विचारणीय बात यह भी है कि यदि कोई जर्जर पुल अचानक बंद करना पड़ जाए तो सिचाई विभाग के पास तत्काल ऐसा भी विकल्प नहीं है कि अस्थाई पुल का निर्माण कर दें। ऐसे में तो सिचाई विभाग के अधिकारी देखते ही रह जाएंगे। मंत्री का वादा नहीं हुआ पूरा

पूर्वी यमुना नहर पर ब्रिटिशकाल के समय के पुल बने हुए हैं, जो जर्जर हालत में हो गए हैं। विभाग इन पुलों को न तो बंद कर रहा है और न ही इनका निर्माण करा रहा है क्योंकि शासन स्तर पर मामला फाइलों में अटका हुआ है। डेढ़ साल पहले राज्यमंत्री बलदेव सिंह शहर में डाक बंगले पर आए थे, तो पूर्वी यमुना नहर पर कोताना रोड पर पुल निर्माण की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक पुल का निर्माण नहीं हो सका है। सब कुछ फाइलों में ही हो रहा है। हालांकि इस पुल का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया था, जो स्वीकृत हो गया है, लेकिन अभी कार्यवाही अधर में लटकी हुई है। जनप्रतिधिनि उठाते रहते हैं पुलों के निर्माण की मांग

बड़ौत विधायक केपी मलिक का कहना है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में पूर्वी यमुना नहर पर औरंगाबाद जटौली, रूस्तमपुर एक, रूस्तमपुर दो, छपरौली रोड, अलावलपुर, चौपड़ा महेशपुर, बावली, कोताना रोड और क्यामपुर जर्जर हैं। पुलों का निर्माण 8.97 करोड़ रुपये से होना है। 21 फरवरी 2021 को मुख्यमंत्री वर्चुअल उद्घाटन कर चुके हैं, जो टेंडर प्रक्रिया में हैं।

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छपरौली विधायक सहेंद्र सिंह का कहना है कि सिलाना से नाले रजवाहे, शेरपुर लुहारा से नाला राजवाहे, सिरसली से बिजवाड़ा रजवाहे, फजलपुर से बिजवाड़ा रजवाहे, ककड़ीपुर से पूर्वी यमुना नहर और रमाला में पूर्वी यमुना नहर पर पुल निर्माण की शासन से स्वीकृति मिल गई है, लेकिन वित्तीय स्वीकृति प्रक्रिया में है।

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सांसद डाक्टर सत्यपाल सिंह का कहना है कि यूपी-हरियाणा राज्य को जोड़ने के लिए छपरौली के पास यमुना नदी पर पुल का निर्माण कराया जा रहा है। कोरोना काल में लाकडाउन की वजह से निर्माण का कार्य धीमा हो गया था, जिसने पिछले कई माह से गति पकड़ ली है। उन्होंने कई माह पहले पुल निर्माण में तेजी लाने के निर्देश दिए थे।

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वरिष्ठ नागरिक पीतम सिंह का कहना है कि जर्जर पुलों का निर्माण जल्द से जल्द होना चाहिए और काम फाइलों में नहीं बल्कि धरातल पर दिखाई देना चाहिए, जिससे लोगों को सुविधाएं मिल सके।

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बड़ौली गांव के रिटायर्ड ओमप्रकाश का कहना है कि पुलों का निर्माण नहीं बल्कि घोषणाएं ही हो रही हैं। कोताना पुल निर्माण की घोषणा डेढ़ साल पहले स्वयं राज्यमंत्री बलदेव सिंह करके गए थे, लेकिन अभी भी वहां जर्जर हो चुके पुल पर वाहन दौड़ रहे हैं, जिससे लोगों की जान खतरे में है।

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सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता उत्कर्ष भारद्वाज का कहना है कि अभी कोई भी पुल ऐसी स्थिति में नहीं है कि उसे बंद कर दिया जाए। उधर, अचानक यदि कोई पुल बंद करना पड़ जाए तो वैकल्पिक व्यवस्था विभाग के पास है। पूर्वी यमुना नहर पर जो भी पुल जर्जर हो गए हैं, उनकी मरम्मत व निर्माण का प्रयास किया जा रहा है।

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