जयंत आशीर्वाद यात्रा के जरिए बदलेंगे सियासत की तस्वीर

रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी पश्चिम उत्तर प्रदेश में आशीर्वाद यात्रा के जरिए सियासत की तस्वीर बदलेंगे। यात्रा के दौरान जयंत पार्टी की जड़ों को मजबूत करने के लिए हर जिले में दो दिन का प्रवास करेंगे। इस दौरान जयंत प्रबुद्ध लोगों से मुलाकात करेंगे। साथ ही पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से रूबरू होंगे। दो अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर आशीर्वाद यात्रा शुरू होगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 11:48 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 11:48 PM (IST)
जयंत आशीर्वाद यात्रा के जरिए बदलेंगे सियासत की तस्वीर
जयंत आशीर्वाद यात्रा के जरिए बदलेंगे सियासत की तस्वीर

जेएनएन, बागपत। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी पश्चिम उत्तर प्रदेश में आशीर्वाद यात्रा के जरिए सियासत की तस्वीर बदलेंगे। यात्रा के दौरान जयंत पार्टी की जड़ों को मजबूत करने के लिए हर जिले में दो दिन का प्रवास करेंगे। इस दौरान जयंत प्रबुद्ध लोगों से मुलाकात करेंगे। साथ ही पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से रूबरू होंगे। दो अक्टूबर को गांधी जयंती के मौके पर आशीर्वाद यात्रा शुरू होगी।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व.अजित सिंह के निधन के बाद रालोद की कमान जयंत चौधरी के हाथों में आ गई। राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार जयंत चौधरी 19 सितंबर को छपरौली में आयोजित रस्म पगड़ी व श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे। यहां पर खाप चौधरियों व अन्य बिरादरी के लोगों ने जयंत चौधरी को सियासी पगड़ी बांधी। यहां पर उन्हें बुजुर्गों ने आशीर्वाद दिया। इसी आशीर्वाद के जरिए रालोद ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में अपनी पकड़ को मजबूत बनाने की योजना बनाई है। दो अक्टूबर को रालोद आशीर्वाद यात्रा शुरू करेगा। यात्रा के दौरान जयंत चौधरी पश्चिम उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में दो दिन का प्रवास करेंगे। प्रवास के दौरान जयंत जिले के प्रबुद्ध लोगों से मुलाकात करेंगे। साथ ही गांवों में भ्रमण कर किसानों की समस्याओं को जानेंगे। जिले में जनसभा भी करेंगे। पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से भी रूबरू होंगे। रालोद के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक सुरेन्द्र शर्मा ने बताया कि आशीर्वाद यात्रा दो अक्टूबर से शुरू होकर 31 अक्टूबर को समाप्त होगी। दो या तीन दिन के भीतर आशीर्वाद यात्रा की रूपरेखा बना ली जाएगी।

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पश्चिम में फिर रालोद को सम्मान दिलाना चुनौती

पश्चिम उत्तर प्रदेश रालोद का गढ़ रहा है, लेकिन सियासत में बदले समीकरण से रालोद कमजोर हो गया। 2017 में मात्र छपरौली विधानसभा सीट तक रालोद सीमित हो गया था। पश्चिम उत्तर प्रदेश में पार्टी को पुराने दौर जैसा सम्मान दिलाना जयंत के लिए चुनौती है। इसीलिए जयंत हर जिले में जाएंगे।

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