हल्की बारिश में झील बन जाते हैं मार्ग
इसे सिस्टम की नाकामी कहें या फिर लोगों के अतिक्रमण करने की हद।
बागपत, जेएनएन। इसे सिस्टम की नाकामी कहें या फिर लोगों के अतिक्रमण करने की हद। फखरपुर मोड़ स्थित गंदा नाला सालों से बंद होने के कारण मुख्यमार्ग पर दो फीट तक पानी हो जाता है। नाला खुल जाए तो काफी हद तक मार्गों को पानी से निजात मिलेगी।
नगर पालिका के प्रत्येक मकान से निकलने वाला गंदा पानी व बारिश के पानी की निकासी को एक मात्र बसी नाला ही है। बारिश के मौसम में सभी मुख्य मार्ग झील में तब्दील हो जाते हैं। पाठशाला मार्ग पर फखरपुर मोड़ से पाठशाला मार्ग पर गंदे नाले तक करीब दो फीट तक पानी भर जाता है। इसका मुख्य कारण है फखरपुर मोड़ के पास स्थित नाला कब्जे के कारण बंद होना। लोगों की मानें तो करीब एक दशक पहले नाले से पानी निकासी होती थी, तो मुख्यमार्ग पर इतना पानी नहीं रहता था। शिकायत व मांग के बाद भी नाले को नगर पालिका व प्रशासनिक अधिकारी खुलवा नहीं पा रहे हैं। अगर यह नाला खुल जाए तो अधिकांश पानी यहीं से बसी नाले तक पहुंचेगा। आगे पानी का इतना बहाव नहीं होगा। हाल में पूरे नगर का पानी फखरपुर मोड व तांगा स्टैंड से निकल पाठशाला मार्ग से होकर बसी नाले में जाता है। पाठशाला मार्ग पर पानी भरने से वाहन तक डूब जाते हैं। कई बार तो पानी के बहाव में कार व बाइक भी दूर तक बह जाती हैं। ईओ अनिल पंडित का कहना है कि सभी मार्ग बेहद संकरे होने के कारण नालों की चौड़ाई बढ़ाई नहीं जा सकती है। पानी का बहाव एक और है जिससे मार्ग पर पानी भरता है। बहाव को दूसरी तरफ कराने के लि सर्वे कराया जाएगा। अगर संभावना बनती है, तो बहाव को दूसरी तरफ डायवर्ट किया जाएगा।