बदलों से घिरे चांद का किया दीदार, अखंड सौभाग्य की कामना की

जिलेभर में करवाचौथ का पर्व उमंग और उल्लास के साथ मनाया गया। सुहागिन महिलाओं ने व्रत रखा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 11:16 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 11:16 PM (IST)
बदलों से घिरे चांद का किया दीदार, अखंड सौभाग्य की कामना की
बदलों से घिरे चांद का किया दीदार, अखंड सौभाग्य की कामना की

बागपत, जेएनएन। जिलेभर में करवाचौथ का पर्व उमंग और उल्लास के साथ मनाया गया। सुहागिन महिलाओं ने व्रत रखकर पति की दीर्घायु की कामनाएं कर करवाचौथ माता से मन्नतें मांगी। दोपहर में कथा सुनी और रात में बादलों से घिरे चांद का दीदार कर अपने व्रत खोले। पतियों ने पत्नियों को पानी पिलाकर व्रत खुलवाया और आकर्षक उपहार दिए।

अखंड सौभाग्य के लिए सुहागिन महिलाओं ने करवाचौथ का व्रत रखा। सुबह से ही व्रत को लेकर तैयारियों में महिलाएं लगी हुई थी। दोपहर में टोलियां बनाकर करवाचौथ माता की कथा सुनी। विभिन्न स्थानों पर मोबाइल के माध्यम से भी कथा सुनी कर परंपरा निभाई। कथा सुनने के बाद सूर्य देव को अ‌र्घ्य समर्पित कर पति की दीर्घायु और परिवार में सुख शांति बनी रहे इसकी कामनाएं की। उसके बाद सुहागिन महिलाओं ने पकवान बनाने की तैयारियां में जुट की थी। शुभ मुहूर्त पर करवा माता की शाम के समय पूजा अर्चना की। चांद का दीदार होते ही जल अर्पित किया गया। उसके बाद पति की चेहरा को देखकर और उनके हाथों से पानी पीकर सुहागिन महिलाओं ने अपने व्रत खोले। रविवार के दिन भी बाजारों में महिलाओं की भीड़ रही। गिफ्ट सेंटरों में ताता लगा हुआ था। आभूषणों की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ थी। कपड़ों की दुकानों पर भी खरीदारी होती रही।

ज्योतिषाचार्य पंडित राजकुमार शास्त्री ने बताया कि चन्द्रमा उदय होगे रात्रि 8 बजकर 12 मिनट था। शुभ मुहूर्त पर सुहागिन महिलाओं ने पूजा अर्चना करने से करवाचौथ माता सौभाग्य का आशीर्वाद देती है। बादलों में घिर गए चांद, सुहागिनों को करना पड़ा इंतजार

ज्योतिषाचार्य के अनुसार चांद का उदय आठ बजकर 12 मिनट पर था, लेकिन शाम होते ही आकाश में बादल छाने शुरू हो गए थे। रात-होते होते कालो बादलों ने आकाश को घेर लिया, जिसमें चांद का दीदार नहीं हो पाया है। जिस कारण इंतार करना पड़ा। सुहागिन महिलाओं ने अनुमान के अनुसार ही चांद की पूजा अर्चना कर अपने व्रत खोले।

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