गांवों की सरकार ने पढ़ा पंचायती राज का पाठ
गांवों की सरकार चलाने में दिक्कत न आए इसके लिए पंचायत विभाग ने नव निर्वाचित प्रधानों को प्रशिक्षण दिया। इससे अब ग्राम प्रधान अपने गांवों का व्यवस्थित ढंग से विकास कर सकेंगे।
बागपत, जेएनएन: गांवों की सरकार चलाने में दिक्कत न आए, इसके लिए पंचायत विभाग ने नव निर्वाचित प्रधानों को आनलाइन प्रशिक्षण दिया। मेरठ मंडल के पंचायत उप निदेशक मनीष कुमार तथा लखनऊ मुख्यालय की उप निदेशक प्रवीणा चौधरी और प्रशिक्षकों ने प्रधानों को पंचायत राज का पाठ पढ़ाया।
जिला पंचायत राज अधिकारी कुमार अमरेंद्र ने बताया कि 15 जुलाई को 244 प्रधानों को प्रशिक्षण मिला। ग्राम पंचायतों की बैठक एवं कोरम, ग्राम पंचायत समितियों, विकास योजना बनाने, डिजिटल सिग्नेचर, बजट, टैक्स वसूली, पानी बर्बादी रोकने, योजनाओं से लोगों को लाभान्वित कराने, बाल संरक्षण, स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन, शिक्षा, स्वच्छता, जल संरक्षण, महिला स्वावलंबन, पर्यावरण संरक्षण व संपत्तियों के रखरखाव समेत तमाम बिदुओं पर जानकारी दी। चमका दूंगी गांव
गौरीपुर जवाहरनगर की प्रधान आरती ने कहा कि प्रशिक्षण मिलने पर मुझे पता चला कि प्रधान चाहे तो गांव की सूरत बदल सकता है। अब मैं गांव को चमकाकर दिखा दूंगी। इंटर पास आरती बताने लगीं कि कभी सपनों में नहीं सोचा कि प्रधान बनूंगी। वह स्वयं सहायता समूह गठित कर सिलाई से माह में ढाई-तीन हजार रुपये कमाने तक सीमित थीं, लेकिन चुनाव लड़ा तो प्रधान पद बनने का मौका मिला।
116 कलस्टरों पर काम
करेंगे पंचायत सचिव
बागपत: पंचायत सचिवों को नियुक्ति के लिए अब 244 ग्राम पंचायतों के 116 कलस्टर गठन किया गया है। आठ से दस हजार आबादी पर एक कलस्टर बनाया गया है। हर कलस्टर में आपस में सटे गांव शामिल किए गए। हर कलस्टर पर एक पंचायत सचिव होगा। अब तक एक पंचायत सचिव पर कई गांवों का जिम्मा है, लेकिन एक गांव ब्लाक के इस छोर पर तो दूसरा गांव दूसरे छोर पर स्थित है। इससे पंचायत सचिवों के साथ लोगों को परेशानी होती रही।
कई पंचायत सचिव मनपसंद गांव अपने लिए आवंटित कराने में सफल होते रहे, जिससे ग्राम पंचायतों के बजट में गोलमाल के मामले सामने आते रहे। अब कलस्टर व्यवस्था लागू होने से मनमानी पर ब्रेक लगने से ग्राम पंचायतों में विकास की रफ्तार तेज होगी। डीडीओ हुब लाल ने कहा कि कलस्टर गठन हो गया है जिसे मंजूरी के लिए डीएम के सामने पेश करेंगे।