आक्सीजन को नगर वन योजना लेकर आया वन विभाग
कोरोना काल में सांसों का संकट दूर करने और दिनोदिन बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए वन विभाग नगर वन योजना लेकर आया है।
बागपत, जेएनएन। कोरोना काल में सांसों का संकट दूर करने और दिनोदिन बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए वन विभाग नगर वन योजना लेकर आया है। इसके लिए नगर और आसपास स्थानों पर भूमि की तलाश की जा रही है, लेकिन अभी इतनी भूमि नहीं मिली है, जिसमें नगर वन स्थापित किया जा सके। लोगों ने वन विभाग की इस योजना की सराहना की है क्योंकि आक्सीजन मिलने और प्रदूषण नियंत्रित होने के साथ ही शहर की सुंदरता भी बढ़ जाएगी।
कस्बों, शहरों और महानगरों के लिए नगर वन योजना केंद्र सरकार की है, जिसमें नगर वन या नगर वाटिकाएं स्थापित की जानी हैं, ताकि शहर के लोगों के साथ-साथ बाहर के लोग आसानी से पहुंच सके। नगर वन स्थल शहर के भविष्य में विस्तारीकरण को देखते हुए शहर की सीमा से पांच किमी की दूरी तक स्थापित किए जा सकते हैं। नगर वन की स्थापना के लिए 10 से 50 हेक्टेयर भूमि चाहिए। नगर वन का क्षेत्रफल अधिक होना बेहतर माना जाता है, क्योंकि यह शहर के फेफड़े का कार्य करने के साथ ही नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय जैव विविधता आदि के लिए महत्वपूर्ण कार्य करते हैं।
प्रभागीय वनाधिकारी डाक्टर हेमंत कुमार सेठ ने बताया कि शहरों के घनी आबादी वाले क्षेत्र या शहर की सीमा के अंदर प्रस्तावित नगर वाटिका के लिए एक हेक्टेयर से 10 हेक्टेयर भूमि होनी चाहिए। इससे न केवल शहर में हरियाली बढ़ेगी बल्कि शहर का प्राकृतिक सौंदर्य भी बढ़ेगा। इनके अलावा नदी, झील, तालाब आदि के पास या औद्योगिक बेल्ट आदि के आसपास भी नगर वन बनाए जा सकते हैं। नगर पंचायत, नगर पालिका आदि से नगर वन के प्रस्ताव मांगे गए हैं। उधर, नगर वन स्थापित करने के लिए भूमि उपलब्ध नहीं हो रही है, विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भूमि के लिए प्रयास कर रहे हैं।