सरकारी राशन खरीदने को गली-गली लाउडस्पीकर से लगती है आवाज
कोरोना काल में सरकारी राशन की कालाबाजारी का एक नया तरीका सामने आया है। नगर के माफिया कार्डधारकों से सांठगांठ कर अब लाउडस्पीकर से आवाज लगाकर उनका राशन खरीद रहे हैं और कालाबाजारी कर रहे हैं।
जेएनएन, बागपत : कोरोना काल में सरकारी राशन की कालाबाजारी का एक नया तरीका सामने आया है। माफिया के गिरोह के सदस्य कार्डधारकों से सस्ते दाम में राशन खरीदकर बाजार में बेच देते हैं। इसके लिए गली-गली लाउडस्पीकर से राशन (गेहूं व चावल) बेचने को आवाज लगाई जाती है। सरकारी तंत्र आंखे बंद करके बैठा हुआ है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (नियमित) के तहत कार्डधारकों को प्रति माह राशन का वितरण किया जाता है। कोरोना की पहली लहर में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत कई माह कार्डधारकों को नि:शुल्क राशन वितरण किया गया था। कोरोना की दूसरी लहर में भी आगामी 21 से 31 मई तक कार्डधारकों को नि:शुल्क राशन मिलेगा। कुछ समय पहले तक सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर राशन की कालाबाजारी की शिकायत सामने आती थी। खाद्य पूर्ति विभाग की टीमों की जांच में कई दुकानों पर राशन के वितरण में अनियमितता पाई। कई कोटेदारों के खिलाफ थाने में मुकदमें दर्ज कराए और दुकानों पर कार्रवाई की गई थी। कोटेदारों पर तो राशन की कालाबाजारी करने पर अंकुश लगा गया, लेकिन अब दूसरे तरह से राशन की कालाबाजारी की जा रही है। माफिया सरकारी राशन कार्डधारकों से राशन खरीद रहे हैें। इसके लिए उनके गिरोह के सदस्य बाइक, ठेले, साइकिल आदि वाहनों से शहर, कस्बों और गांवों की गली-गली में जाते हैं, लाउडस्पीकर व अन्य तरीके से आवाज लगाकर कार्डधारकों से सस्ते दाम में राशन खरीदते है, फिर राशन को गाड़ियों में लादकर बाजार में बेच दिया जाता है। इन गिरोह की यहां पर जड़ें गहरी हो चुकी हैं।
सरकारी राशन बेचने व खरीदने वालों पर होगी कार्रवाई: डीएसओ
जिला पूर्ति अधिकारी (डीएसओ) केबी शर्मा का कहना है कि सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों से राशन प्राप्त कर बेचे जाने की जानकारी मिल रही हैं। यदि कोई सरकारी राशन बेचता या खरीदता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।