तहसील के सामने घंटों तक उठा धुआं, अधिकारी मौन
तहसील के सामने पड़े केले के अवशेष व गंदगी जलाए जाने का धुआं घंटों उठता रहा।
बागपत, जेएनएन। तहसील के सामने पड़े केले के अवशेष व गंदगी जलाए जाने का धुआं घंटों उठता रहा, लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। धुएं के कारण राहगीरों को भी परेशानी उठानी पड़ी। राहगीरों ने पानी डालकर धुआं शांत किया।
प्रदूषण रोकने का एनजीटी ने खेत पर फसल अवशेष जलाना भी प्रतिबंधित किया है। ऐसे में प्रशासनिक अधिकारी किसानों पर जुर्माना लगाते हैं। रविवार को सुबह तहसील के किसी चालक ने अपने वाहन से केले के अवशेष व गंदगी डालकर आग के हवाले कर फरार हुआ। इससे दो घंटे तक निरंतर धुआं उठता रहा। इससे राहगीरों को परेशानी हुई। धुआं तहसील परिसर में भी फैला रहा। परिसर में रहने वाले एसडीएम व तहसीलदार ने इस तरफ ध्यान देना भी जरूरी नहीं समझा। आए दिन कोई न कोई वाहन चालक यहां गंदगी डालकर और जलाकर निकल जाता है। कई बार किसान अधिकारियों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन यह धुआं अधिकारियों को दिखाई नहीं देता है। किसान राजपाल व सुधीर का कहना है कि अगर धुआं पुआल या किसी अन्य फसल अवशेष का होता तो अधिकारी जुर्माना कार्रवाई का पत्र भेज चुके होते। संबंध में एसडीएम अजय कुमार ने वाहन चालक की जानकारी कर कार्रवाई की बात कही है। विद्युत चिगारी से खेकड़ा और बड़ागांव में जली गन्ना फसल
संवाद सहयोगी, खेकड़ा : बिजली चिगारी से लाइनपार बस्ती व बड़ागांव में तीन किसान की 14 बीघा गन्ना फसल जल गई। पीड़ितों ने कोतवाली में तहरीर दी है।
चक्रसैनपुर मोहल्ला निवासी सतबीर पुत्र चंद्रभान के खेत लाइनपार फखरपुर जंगल में हैं। सतबीर ने बताया कि खेत के ऊपर से उच्च क्षमता की विद्युत लाइन गुजर रही है। शनिवार की शाम को हवा बहने के कारण नीचे लटक रहे तार आपस में टकराए। उससे निकली चिगारी से खेत में खड़ी गन्ना फसल में आग लग गई। आसपास के खेत में मौजूद किसानों ने बमुश्किल आग बुझाई।
उधर, बड़ागांव निवासी ईश्वर व विक्रम सिंह पुत्र सियानंद के खेत में भी विद्युत चिगारी से लगी आग की चपेट में आकर 10 बीघा गन्ना जलकर नष्ट हुआ। किसानों ने पीड़ितों को मुआवजा दिलाने की मांग ऊर्जा निगम अधिकारियों से की है। पीड़ितों ने अधिकारियों की लापरवाही के कारण हादसा होने की तहरीर दी है।