निशानेबाजी में शूटर दादी चंद्रो ने लिखी थी संघर्ष की गाथा

बागपत जेएनएन। साधारण से गांव जौहड़ी में शूटर दादी चंद्रो तोमर ने संघर्ष की गाथा लिखी थी। बढ

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 11:34 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 11:34 PM (IST)
निशानेबाजी में शूटर दादी चंद्रो ने लिखी थी संघर्ष की गाथा
निशानेबाजी में शूटर दादी चंद्रो ने लिखी थी संघर्ष की गाथा

बागपत, जेएनएन। साधारण से गांव जौहड़ी में शूटर दादी चंद्रो तोमर ने संघर्ष की गाथा लिखी थी। बढ़ती उम्र में दादी ने बंदूक थामी और शूटिग प्रतियोगिताओं में अचूक निशाने लगाकर जमाने को अपनी काबिलियत दिखाई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शूटर दादी के नाम पर नोएडा शूटिग रेंज का नाम रखने की घोषणा की है। इससे गांव जौहड़ी में खुशी का माहौल है। मूलरूप से शामली के गांव मखमूलपुर में शूटर दादी चंद्रो तोमर का जन्म एक जनवरी 1932 को हुआ था। उनका विवाह गांव जौहड़ी के भंवर सिंह से हुआ था। उनके दो पुत्र ओमवीर व विनोद हैं। वर्ष 1998 में गांव के डा. राजपाल सिंह से शूटिग सीखने पौत्री शैफाली के साथ दादी चंद्रो तोमर भी जाती थीं। इसी दौरान दादी ने भी निशानेबाजी शुरू की। देवरानी प्रकाशी तोमर का भी उन्हें साथ मिल गया।

दादी चंद्रो ने चंडीगढ़ में आयोजित राज्य स्तरीय शूटिग प्रतियोगिता में सबसे पहले स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद मुड़कर पीछे नहीं देखा। जयपुर व लखनऊ समेत अन्य राज्य व जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में कई मेडल जीते।

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जिदगी पर बनी है फिल्म सांड की आंख

चंद्रो व प्रकाशी की जिदगी पर वर्ष 2019 में तुषार हीरानंदानी के निर्देशन में बायोपिक 'सांड की आंख' बनाई गई थी। अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने दादी चंद्रो की भूमिका निभाई थी। दादी चंद्रो को सामाजिक कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2006 में वयोश्रेष्ठ सम्मान के अलावा नारी शक्ति अवार्ड, श्रम शक्ति सम्मान दिया था। चंद्रो तोमर इंडिया गॉट टैलेंट, बिग सेलिब्रिटी चैलेंज, सत्यमेव जयते आदि रियलटी शो में छाई रहीं।

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30 अप्रैल को ली थी अंतिम सांस

इसी वर्ष कोरोना पाजिटिव आने पर शूटर दादी चंद्रो तोमर को पहले मेरठ के आनंद अस्पताल में इसके बाद मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। 30 अप्रैल को दादी ने अंतिम सांस ली।

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बहुत खुशी की बात है कि मुख्यमंत्री ने उनकी जेठानी के नाम से नोएडा में शूटिग रेंज का नाम रखने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने जौहड़ी और बागपत का सम्मान बढ़ाया है।

-प्रकाशी तोमर, दादी चंद्रो तोमर की देवरानी

निशानेबाजों के लिए ही नहीं, हर खिलाड़ी के लिए दादी चंद्रो प्रेरणास्त्रोत बनी रहेंगी।

-सीमा तोमर, अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज।

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