बच्चों में वैज्ञानिक मनोवृत्ति और जिज्ञासा पैदा करनी चाहिए
शहर के वनस्थली पब्लिक स्कूल में गुरुवार को दैनिक जागरण की संस्कारशाला की कार्यशाला आयोजित की।
बागपत, जेएनएन। शहर के वनस्थली पब्लिक स्कूल में गुरुवार को दैनिक जागरण की संस्कारशाला की कार्यशाला में बच्चों को वैज्ञानिक मनोवृत्ति के बारे में बताया। इस दौरान जागरण में प्रकाशित कहानी को भी छात्र-छात्राओं को सुनाई गई और उन्हें इसके बारे में विस्तार से समझाया गया। कार्यशाला में बच्चे काफी उत्सुक नजर आए।
रसायन विज्ञान के अध्यापक मु²ल जैन ने बताया कि अंधविश्वास को मिटाने का यंत्र वैज्ञानिक मनोवृत्ति को विकसित करना है और अच्छा है कि यह घर से ही शुरू होनी चाहिए। चूंकि पढ़े लिखे कई लोग भी इसकी गिरफ्त में होते हैं। वैज्ञानिक मनोवृत्ति का मतलब है कि विज्ञान के युग में किस तरह सजग होकर जीवन को जिया जाए। बताया जाता है कि विज्ञान के पास सभी समस्याओं का समाधान होता है इसलिए इसकी शुरूआत से ही बच्चों में वैज्ञानिक मनोवृत्ति और जिज्ञासा पैदा करनी चाहिए। मु²ल जैन ने बच्चों को बताया कि वैज्ञानिक मनोवृत्ति हमें जीवन जीना सिखाती है। कोरोना काल में इसे सच कर दिखाया है। आज हमारा देश कोरोना टीकाकरण अभियान में नई बुलंदियों पर पहुंच रहा है। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से मिनटों में हम अपनी बात एक दूसरे को आसानी से पहुंचा सकते हैं। यह सब वैज्ञानिक सोच की ही देन है। आज मनुष्य चांद और मंगल पर रहने की तैयारी कर रहा है। यह सब वैज्ञानिक मनोवृत्ति की ही बदौलत संभव हो रहा है। अब तो त्योहारों का आधार भी वैज्ञानिक बन गया है। वैज्ञानिक ²ष्टिकोण ऐसी मनोवृत्ति है जो विवेकपूर्ण निर्णय लेने में सहायता करती है। इसमें प्रमाण के बगैर किसी बात पर विश्वास नहीं किया जा सकता है