बागपत की बीमार सड़कें, लील रही लोगों की जान

जिले की बीमार सड़कें लोगों की जान ले रही हैं। तीस प्रतिशत हादसे खराब सड़कों के कारण होती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 06:41 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 06:41 PM (IST)
बागपत की बीमार सड़कें, लील रही लोगों की जान
बागपत की बीमार सड़कें, लील रही लोगों की जान

बागपत, जेएनएन। जिले की बीमार सड़कें लोगों की जान ले रही हैं। तीस प्रतिशत हादसे खराब सड़कों के कारण हो रहे हैं। हर साल दर्जनों लोग बेमौत मर रहे हैं। अधिकतर सड़कें जर्जर हालत में है, जो सड़कें बनी तो है, उनमें से कई का डिजाइन ठीक नहीं है। लाइफ लाइन कहलाया जाने वाला दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे वर्षों से निर्माणाधीन है। कहीं पर रोड बना है तो डिवाइडर नहीं बना। हाईवे का निर्माण कार्य कब पूरा होगा, कोई पता नहीं। दुर्घटना के संभावित स्थानों पर भी संकेतक चिह्न नहीं लगे हैं। रोड पर कैमरे नहीं, विभाग पर इंटरसेप्टर नहीं

रोड पर न तो कैमरे लगे हैं और न ही पुलिस व परिवहन विभाग पर इंटरसेफ्टर (स्पीड मात्रक यंत्र) है। माह में दो बार मेरठ से इंटरसेफ्टर लाकर वाहनों की स्पीड चेक की जाती है। ईपीई को छोड़कर किसी भी रोड पर लाइट नहीं लगी है। इतना ही नहीं सिग्नल लाइट भी नहीं है। ब्लाक स्पाट पर हो रहे 40 प्रतिशत हादसे

एआरटीओ का कहना है कि ब्लैक स्पाट पर 40 फीसदी हादसे हो रहे हैं। 160 हादसों में 67 हादसे ब्लैक स्पट पर हुए हैं। ऐसे चिह्नित होते हैं ब्लैक स्पाट

एआरटीओ का कहना है कि वह क्षेत्र जहां पर तीन साल में कम से कम पांच दुर्घटना हुई हों और दस लोगों की जान गई हो। चाहे इतनी मौत एक ही हादसे में क्यों न हुई हों। कहां-कहां है 24 ब्लैक स्पाट

दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे पर : मवीकलां, काठा, पाली, सिसाना, गौरीपुर मोड़, नैथला पुलिया, गुफा वाले बाबा का मंदिर, लधवाड़ी मोड़, सरूरपुर कलां, ट्यौढ़ी पुलिया, कस्बा बड़ौत का दिल्ली बस स्टैंड, छपरौली चुंगी के अलावा बावली, जिवाना गेट, किशनपुर बराल।

बागपत-मेरठ हाईवे पर : कस्बा अग्रवाल मंडी टटीरी, मीतली रजवाहा, पिलाना भट्ठा।

ढिकौली-बंथला रोड पर : लहचौड़ा, रटौल।

बड़ौत-मुजफ्फरनगर रोड पर : बामनौली, पुसार, दाहा

बड़ौत-छपरौली रोड पर : मलकपुर ईपीई पर ब्लैक स्पाट चिह्नित नहीं

ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर सबसे ज्यादा रोड हादसे होते हैं। इसको अफसर भी स्वीकार करते हैं। फिर भी अभी तक ब्लैक स्पार्ट चिह्नित नहीं किए गए हैं। खड़े वाहन भी बनते है हादसे की वजह

कई बार चालक पार्किंग के बजाए रोड पर ही वाहनों को खड़ा कर देते हैं। जो हादसों की वजह बनते हैं। ऐसी स्थिति में ईपीई पर दर्जनों हादसे हो चुके हैं। रोड का आबादी क्षेत्र राम भरोसे

दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे और अन्य रोड आबादी क्षेत्र से गुजर रहे हैं। जहां पर सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। लोग भी लापरवाही करते हैं। जो हादसों का कारण बन रहा है। सड़क व यातायात का हाल दिखाया अफसरों को

इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन फरीदाबाद के पदाधिकारी मनोज बिष्ट, पंकज मेहरा, मोहित पाठक, सुनील कोमल और श्यामसुंदर ने गत 21 नवंबर को जनपद की सड़कें तथा यातायात व्यवस्था देखी थी और कैमरे में कैद की थी। जिसको पुलिस लाइन में आयोजित रोड सेफ्टी प्रशिक्षण में अफसरों के सामने प्रोजेक्टर पर पेश किया था।

रोड ठीक न होने से हो रहे 30 प्रतिशत हादसे : एआरटीओ

एआरटीओ सुभाष राजपूत का कहना है कि सड़क हादसों का मुख्य कारण वाहनों की तेज स्पीड है। दुर्घटनाओं के लिए रोड भी जिम्मेदार है। यहां की सड़कों की हालत ठीक नहीं है। सड़कों के डिजाइन में भी कमी है। इस कारण तीस प्रतिशत हादसे हो रहे है। हादसों को रोकने के लिए रोड फर्नीचर (सिग्नल, रिफ्लेक्टर आदि) लगाया जा रहा है।

chat bot
आपका साथी