रालोद की बैठक में पार्टी मजबूत करने पर जोर

रालोद कार्यालय पर गुरुवार को कार्यकर्ताओं की बैठक हुई जिसमें पार्टी को मजबूत करने पर जोर दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Feb 2021 12:23 AM (IST) Updated:Fri, 12 Feb 2021 12:23 AM (IST)
रालोद की बैठक में पार्टी मजबूत करने पर जोर
रालोद की बैठक में पार्टी मजबूत करने पर जोर

बागपत, जेएनएन। रालोद कार्यालय पर गुरुवार को कार्यकर्ताओं की बैठक हुई, जिसमें पार्टी को मजबूत करने पर जोर दिया और साथ ही भाजपा की जन व किसान विरोधी नीतियों से लोगों को अवगत कराने का आह्वान किया गया।

बैठक में जिलाध्यक्ष सुखवीर सिंह गठीना ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने जो कार्य किए हैं उनका विवरण एक पंपलेट पर तैयार कर जनपद में वितरण कराया जाएगा। इसके अलावा रालोद कार्यकर्ता 18 फरवरी तक कार्यकर्ता गांवों में बैठक कर अजित सिंह के कार्यों की जानकारी देने के साथ-साथ कृषि कानूनों से होने वाले नुकसान के बारे में भी लोगों को जागरूक करेंगे। उन्होंने कहा कि चौधरी अजित सिंह का जन्मदिवस गुरुकुल इंटर नेशनल स्कूल जिवाना में मनाया जाएगा। मास्टर सुरेश राणा के संचालन में हुई बैठक में पूर्व विधायक वीरपाल राठी, पूर्व विधायक डाक्टर अजय तोमर, पूर्व विधायक गजेंद्र मुन्ना, पूर्व विधायक डाक्टर अजय कुमार, विश्वास चौधरी, अरूण तोमर बॉबी, संजीव मान, सतेंद्र प्रमुख, प्रमेंद्र तोमर, मोहित मुखिया, रामपाल धामा, सुभाष गुर्जर, अहमद हमीद, विकास प्रधान, जगपाल, मांगेराम चैयरमैन, रामकुमार चेयरमैन, सभासद आशुतोष तोमर, राजू तोमर सिरसली, सुबोध राणा, सुरेश मलिक, राममेहर हेवा, वीरेंद्र, विनोद, रविद्र मुखिया, यशवंत तोमर, लेखराज, रेनू तोमर, प्रेम सिंह, जमीरूद्दीन अब्बासी, गुल्लू प्रधान आदि मौजूद रहे। देवबंद की पंचायत में भाग लेंगे किसान

भाकियू तोमर के तत्वावधान में देवबंद में 23 फरवरी को पंचायत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बागपत से ट्रैकटर ट्रालियों से किसानों के पहुंचने का आह्वान किया। जौनमाना गांव में किसानों की बैठक में भाकियू तोमर के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीव तोमर ने कहा कि किसानों की गन्ना का बकाया भुगतान, गन्ने का मूल्य तय नहीं होना, व तीनों कृषि कानूनों की समस्याओं को लेकर 23 फरवरी को देवबंद में पंचायत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बागपत से किसानों को ट्रैक्टर ट्रालियों से पंचायत में पहुंचने की अपील की। किसान आंदोलन को काफी समय हो गया, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है, लेकिन अब किसान भी आरपार की लड़ाई को तैयार है। इस दौरान भाकियू तोमर के जिलाध्यक्ष पद पर रामकुमार तोमर को मनोनीत किया।

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