बहनों की भेजी राखियों को बंदियों ने खुद कलाइयों पर बांधा
बागपत जेल शुरू होने के चार साल बाद पहली बार रक्षाबंधन पर्व पर होने वाली बंदियो से भेट नहीं हो पाई।
बागपत, जेएनएन। बागपत जेल शुरू होने के चार साल बाद पहली बार रक्षाबंधन पर्व पर होने वाली बंदियों की बहनों से खुली मुलाकात पर रोक लगी है। मुलाकात पर ब्रेक जानलेवा कोरोना वायरस के कारण हुआ है। बहनों की भेजी राखियों को बंदियों ने खुद ही अपनी कलाइयों पर बांधकर रक्षाबंधन का पर्व मनाया।
इस बार कोरोना वायरस के कारण खुली मुलाकात रोकी गई। खुली मुलाकात को दूर बंदियों के लिए घर से सामान भेजने पर भी रोक रही। रक्षाबंधन पर गुलजार रहने वाले जेल इस बार कोरोना के कारण वीरान सी नजर आई। गेट पर सिर्फ संतरी पहरा देता नजर आया। कोरोना के कारण होने वाली खुली मुलाकात नहीं होने से बंदियों संग बहने भी उदास रहीं। बहनों की तीन दिन पूर्व भेजी गई राखियां बदियों ने एक दूसरे की कलाइयों पर बांधकर त्योहार को मनाया। अधीक्षक सुरेश सिंह का कहना है कि शासनादेश के तहत खुली मुलाकात नहीं होने दी गई। भेजी गई राखियां बंदियों को भेज दी गई थीं।