बारिश का कहर..हाईवे टूटा और जाम लगा, फसल गिरी
मानसून की विदाई के दो सप्ताह बाद अब अचानक मौसम बदल गया है।
बागपत, जेएनएन। मानसून की विदाई के दो सप्ताह बाद अब अचानक मौसम बदल गया है। रविवार को हुई बारिश ने कहर बरपा कर रख दिया। छह हजार हेक्टेयर धान फसल गिरने से किसानों को बड़ा झटका लगा है। तापमान में गिरावट से ठंड का अहसास होने लगा है।
सिसाना में दिल्ली-सहारनपुर नेशनल हाईवे-709बी के टूटने और कई फुट जलभराव होने से आवागमन बाधित हुआ है। जाम लगते रहने से हजारों लोग हलकान रहे। हाईवे के किनारे नाला निर्माण बंद हो गया। मेरठ-रोहतकवाया बागपत नेशनल हाईवे का निर्माण थम गया।
बारिश में जिलेभर में बिजली की आपूर्ति ठप हो गई। हालांकि बारिश और हवा बंद होने के बाद बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई लेकिन 50 गांवों में देर शाम तक बिजली ठप रही। बागपत के सभी 281 गांवों में कीचड से लोग हलकान रहे। तालाबों का पानी घरों में घुस गया। वहीं 24 गो आश्रय स्थलों में बारिश का पानी भरने से 3400 बेसहारा पशु परेशान हैं। बारिश के बाद सड़कें जलमग्न
शहर में रविवार को हुई मिनटों की बारिश के बाद शहर की सड़कों पर घंटों जलभराव रहा। नेहरू मूर्ति के पास विद्युत पोल में उतरे करंट की चपेट में आकर एक बछड़े की मौत हो गई।
बारिश के बाद शहर की गांधी रोड, बिनौली रोड, बिजरौल रोड, अग्रसैन मूर्ति, खत्री गढी, बावली रोड, कोताना रोड, छपरौली चुंगी, गुराना रोड सहित अन्य सड़कें पानी से भर गई। सड़क में बने गड्ढ़ों में गिरकर कई वाहन चालक चोटिल हुए। बारिश संग तेज हवा से गिरी धान की फसल
रविवार को बारिश से खेकड़ा, रटौल, ढीकोली, मुबारिकपुर, बड़ागांव, लहचौड़ा, मंसूरपुर, ललियाना, गौना आदि गांव में धान फसल गिर गई है।
आलू उत्पादक राजू सैनी, हाजी मुज्जकिर, ओमदत्त आदि ने बताया कि खेत मे पड़ा बीज बारिश से खराब होने की कगार पर है। कई स्थानों पर जल भराव और कीचड़ से लोग परेशान हैं। रेलवे रोड पर पानी भरने से करीब दो घंटे आवागमन प्रभावित रहा।