बारिश ने खोली सिस्टम की पोल
मंगलवार मध्य रात से शुरू हुई बारिश बुधवार शाम तक जारी रहने से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
बागपत, जेएनएन। मंगलवार मध्य रात से शुरू हुई बारिश बुधवार शाम तक जारी रहने से जन जीवन अस्त-व्यस्त रहा। झमाझम हुई वर्षा से गर्मी से राहत मिली, वहीं सिस्टम की नाकामी की पोल खुल गई। 70 मिमी वर्षा हुई। चौतरफा जलभराव से लाखों लोग परेशान रहे। तीन हाईवे पर वाहनों का आवागमन बाधित रहा। दोघट में दीवार गिरने से बच्चे की मौत हो गई। वहीं, गांव फौलादनगर में छत गिरने से चार लोग घायल हुए। करीब 100 गांवों में बिजली ठप रही। शहर और गांव में जलभराव
बारिश से बागपत के नौ नगर निकायों तथा 281 गांवों में जलभराव से लोग परेशान रहे। बागपत शहर में 18 नालों की सफाई नहीं होने से बागपत के पांडव रोड, इस्लामनगर, पुराना कस्बा बागपत में यमुना रोड आदि स्थानों पर जलभराव से हर कोई परेशान रहा है।
हालांकि नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी ललित आर्य ने नालों की सफाई कराने का दावा किया है। गांवों में तो और भी बुरा हाल नजर आया। तालाबों की सफाई नहीं होने से ओवरफ्लो होकर पानी घरों में घुसने लगा है। तालाब बने हाईवे
दिल्ली यमुनोत्री हाईवे 709बी पर सिसाना में निकासी की व्यवस्था नहीं होने से इतना ज्यादा जलभराव रहा कि तालाब और रजवाहे जैसा नजारा दिखा। कई वाहन फिसलने से टकराने से बचे। इस हाईवे की सड़क टूटने लगी रही है। दरअसल हाईवे बना दिया गया, लेकिन निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की गई। मेरठ-बागपत हाईवे-334-बी का निर्माण थम गया और वाहनों का आवागमन बाधित रहा। -अस्पताल परिसर में जलभराव
-जिला अस्पताल परिसर में महिला अस्पताल के सामने जलभराव होने से दिनभर सैकड़ों मरीज और तिमारदार परेशान रहे। ठप रही बिजली
-झमाझम हो रही बारिश से जिले के 100 से ज्यादा गांवों तथा नगरों में बिजली आपूर्ति ठप रही। ब्रेकडाउन आने के कारण दो दर्जन से ज्यादा गांवों में तो मंगलवार रात से लेकर बुधवार शाम तक बिजली ठप रही। बिजली नहीं मिलने से लाखों लोग परेशान रहे। पेयजल संकट रहा है।
अधिशासी अभियंता अमर सिंह ने कहा कि नुकसान तो कोई नहीं हुआ लेकिन ब्रेकडाउन से कुछ गांवों में बिजली आपूर्ति अवश्य ठप रही। ब्रेकडाउन अटेंड कराकर कुछ गांवों की बिजली आपूर्ति बहाल करा दी गई। घरों में तक सिमटे रहे लोग
दिनभर बारिश होने से अधिकांश लोग अपने घरों तक ही सिमटे रहे। वही लोग घरों से निकले जिन्हें ड्यूटी जाना था या कहीं कोई बेहद जरुरी
काम था। रिमझिम बारिश के बीच बाजारों में सन्नाटा छाया रहा। हालांकि बारिश होने से आम जन को उमस भरी गर्मी से राहत मिली।