आए दिन बारिश से सरसों और गेहूं की फसल को नुकसान

मौसम का मिजाज रोजाना बदल रहा है। आए दिन बारिश हो रही है रविवार रात भी क्षेत्र में बूंदाबादी हुई। इससे खेतों की नमी सूखने का नाम नहीं ले रही है। ज्यादा नमी का प्रभाव फसलों पर पड़ना शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Mar 2020 08:41 PM (IST) Updated:Wed, 11 Mar 2020 08:41 PM (IST)
आए दिन बारिश से सरसों और गेहूं की फसल को नुकसान
आए दिन बारिश से सरसों और गेहूं की फसल को नुकसान

बागपत, जेएनएन। मौसम का मिजाज रोजाना बदल रहा है। आए दिन बारिश हो रही है। इससे खेतों की नमी सूखने का नाम नहीं ले रही है। ज्यादा नमी का प्रभाव फसलों पर पड़ना शुरू हो गया है। इससे जहां गेहूं की फसल पीली पड़ने लगी है। वहीं इसका असर बढ़वार पर भी पड़ रहा है। वैसे तो बागपत जिला गन्ना बाहुल्य क्षेत्र है। यहां का किसान गेहूं, जौ, जेई और सरसों आदि की बुआई गन्ना काटने के बाद करता है। इस बार मौसम का मिजाज आए दिन बदल रहा है। मौसम की मार के चलते किसान गेहूं की बुआई भी ढंग से नहीं कर पाए थे। बेमौसम बारिश ने किसान की नींद उड़ा दी है। रविवार की देर रात भी मौसम ने अचानक करवट बदली और आसमान में बादल छा गए। कुछ ही देर बाद बूंदाबादी शुरू हो गई जो सोमवार सुबह तक जारी रही। किसानों का कहना है कि खेतों की नमी नहीं सूख रही है। इस सप्ताह भी तीन बार बारिश हो चुकी है। सरसों की फसल तो पूरी तरह से पककर तैयार है जबकि गेहूं की फसल में भी बालियां निकलने वाली है। मौसम के खराब होने से किसानों को ओलावृष्टि की चिता सता रही है।

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बारिश ने रोकी गन्ने की बुआई

--मार्च के माह में किसान गन्ने की बुआई शुरू कर देते है। लेकिन मिल से पर्ची न मिलने के कारण किसान खेत नहीं खाली कर पा रहे है। वहीं जो खेत खाली हो गए उनमें नमी ज्यादा होने के कारण जुताई नहीं हो पा रही है। जिससे किसान गन्ने की बुआई नहीं कर पा रहे है। सुभाष व कृष्णपाल समेत अन्य किसानों का कहना है कि बारिश और खेतों में नमी के कारण किसान गन्ना बुआई में भी पिछड़ रहा है।

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