थम गई हजारों हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बुआई

किसानों को बारिश से नुकसान हुआ तो फायदा भी मिला है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Jan 2021 08:56 PM (IST) Updated:Sun, 03 Jan 2021 08:56 PM (IST)
थम गई हजारों हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बुआई
थम गई हजारों हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बुआई

बागपत, जेएनएन। किसानों को बारिश से नुकसान हुआ तो फायदा भी मिला है। रविवार सुबह हुई बारिश को हजारों किसानों को नुकसान यह हुआ है कि गेहूं की बुआई थम गई। बागपत में आठ हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बुआई होना बाकी है, लेकिन बारिश होने से कम से कम एक सप्ताह बुआई नहीं हो सकेगी।

यदि बारिश और हो गई तो फिर गेहूं की बुआई और ज्यादा दिन के लिए टल सकती है। गन्ना कटाई थमने का असर गेहूं की बुआई पर पड़ेगा, क्योंकि जैसे गन्ना कटाई होती जाती है, वैसे ही गेहूं बुआई की जाती है। पछेती बुआई पर गेहूं का उत्पादन कम होने से किसानों को मोटा नुकसान उठा सकता है। इनके लिए बरसा सोना

बागपत में 49 हजार हेक्टेयर जमीन पर गेहूं की बुआई हो चुकी। इसमें 40 हजार हेक्टेयर जमीन पर 15 नवंबर से दिसंबर के बीच गेहूं बुआई हुई, जिसके लिए बारिश बेहद लाभकारी है।

सरूरपुरकलां के किसान सुभाष नैन, ओमप्रकाश तथा शिकोहपुर के रामफल सिंह ने कहा कि बारिश नहीं सोना बरसा। गेहूं फसल की सिचाई नहीं करनी पड़ेगी जिससे सिचाई खर्च बच गया और उत्पादन अच्छा होगा। बारिश होने से गन्ना, गेहूं और सब्जियों पर पाला की मार नहीं पड़ेगी। कम से कम डालनी पड़ेगी यूरिया

एडीओ कृषि महेश कुमार खोखर कहते हैं कि जहां पांच-दस गांवों में ओलावृष्टि हुई है, वहां अवश्य फसलों में नुकसान है। जिन गांवों में ओलावृष्टि नहीं हुई है, वहां के किसानों के लिए बारिश लाभकारी है। बारिश से गेहूं, सरसों, गन्ना, मटर, चना,

मसूर, गाजर, फूल गोभी के पौधों की पत्तियां बारिश में धुल गई। यानी पत्तियों पर धूल के धुलने से पौधे को सूर्य का प्रकाश मिलेगा, जिससे वे ग्रोथ करेंगे। बारिश में नाइट्रोजन की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे किसानों को अब यूरिया नहीं के बराबर ही फसलों में डालना पड़ेगा। गन्ना कटाई और ढुलाई पर असर

बारिश से 318 क्रय केंद्रों में अनेक पर गन्ना तौल व गन्ना ढुलाई थम गई है, जिससे चीनी मिलों के सामने गन्ना संकट खड़ा हो सकता है। ईंधन गीला होने से कोल्हू क्रेशर बंद हो गए। जिला गन्ना अधिकारी डा. अनिल कुमार भारती ने कहा कि ज्यादा बारिश नहीं हुई। इसलिए सोमवार से गन्ना कटाई शुरू हो जाएगी।

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बारिश फसलों के लिए फायदेमंद रही। जिन्होंने नवंबर में गेहूं बुआई की, उन्हें दूसरी और जिन्होंने 15 दिसंबर से पहले बुआई की उन्हें पहली सिचाई नहीं करनी पड़ेगी।

-डा. सूर्य प्रताप सिंह, जिला कृषि अधिकारी

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