प्रेरणा साथी बच्चों की पढ़ाई को करेंगे आसान

कोरोना महामारी ने परिषदीय विद्यालयों की पढ़ाई को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। वजह है ज्यादातर बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं होना। विभाग ने अब इसका विकल्प ढूंढ़ लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 06:15 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 06:15 PM (IST)
प्रेरणा साथी बच्चों की पढ़ाई को करेंगे आसान
प्रेरणा साथी बच्चों की पढ़ाई को करेंगे आसान

बागपत, जेएनएन: कोरोना महामारी ने परिषदीय विद्यालयों की पढ़ाई को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। वजह है स्मार्टफोन न होना। अब इस परेशानी का समाधान निकाल लिया गया है। उन छात्रों को प्रेरणा साथी बनाया जा रहा है, जो पढ़ाई कर रहे हैं। ये सभी आस-पास के कुछ बच्चों को इकट्ठा करके पढ़ाएंगे।

दो वर्षों में पढ़ाई पूरी तरह चौपट हो गई है। आनलाइन पढ़ाई में नेटवर्क और बच्चों के पास स्मार्टफोन न होना समस्या रही है। अब परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई की समस्या का समाधान करने को शासन ने एक नया रास्ता निकाला है। उन छात्रों को प्रेरणा साथी बनाया जाएगा, जिनकी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में पढ़ रहे हैं या उनकी पढ़ाई पूरी हो चुकी है। वे छात्र भी अपनी सेवा दे सकते हैं जो उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे या कर चुके हैं। चयनित किए जाने पर प्रेरणा साथी के मोबाइल में वर्कशीट भेजी जाएगी। उसी के आधार पर वे बच्चों की पढ़ाई को पूरा कराएंगे। दीक्षा एप, रिड एलोंग एप और प्रेरणा लक्ष्य एप को डाउनलोड कराया जाएगा।

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कमजोर बच्चों की शिक्षा

में करेंगे सुधार

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों प्रधानाध्यापकों द्वारा इसका चयन किया जा रहा है। पंजीकृत छात्रों को जहां भी सबसे ज्यादा पढ़ाई में दिक्कत होगी, वहां पर प्रेरणा साथी ज्यादा फोकस रखेंगे। कमजोर बच्चों की शिक्षा में भी सुधार कराने का हर संभव प्रयास करेंगे।

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ये पंजीकृत छात्र-छात्राएं

जिले में 70370 छात्र पंजीकृत हैं। बागपत ब्लाक में 13916, बड़ौत में 13022, बिनौली में 12936, छपरौली में 8350, खेकड़ा में 9321, पिलाना में 11774 और नगरीय क्षेत्र में 1049 छात्र हैं। ये छात्र जिले के 555 विद्यालयों में पंजीकृत है। 530 परिषदीय विद्यालय, 23 विद्यालय सहायता प्राप्त विद्यालय हैं।

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कोरोना की वजह से बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई। बच्चों की अच्छी पढ़ाई हो इसके लिए छात्रों को ही प्रेरणा साथी चयनित किया जाएगा। कुछ जगहों पर चयन हो भी चुका है। ये छात्र वो होंगे जो हाईस्कूल, इंटरमीडिएट या उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे है।

राघवेंद्र सिंह, बेसिक शिक्षा अधिकारी।

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