कोरोना को हराने में जुटी गांवों को नई सरकार

बागपत जेएनएन। वाकई गांवों की नई सरकार में नया जोश है। गल्हैता गांव को ही लीजिए यहां मि

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 06:59 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 06:59 PM (IST)
कोरोना को हराने में जुटी गांवों को नई सरकार
कोरोना को हराने में जुटी गांवों को नई सरकार

बागपत, जेएनएन। वाकई गांवों की नई सरकार में नया जोश है। गल्हैता गांव को ही लीजिए, यहां महिला प्रधान अमीता गांव को स्वच्छ बनाने में जुटी हैं। चिलचिलाती धूप में अपनी निगरानी में सफाईकर्मी और श्रमिकों से रास्ते की सफाई करातीं दिखीं।

स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक नरेंद्र उज्ज्वल अचानक गल्हैता गांव पहुंचे, लेकिन वह चौंक गए जब प्रधान अमीता को श्रमिकों के साथ सफाई में हाथ बंटाते देखा। बोलीं कि 'कार्य करने में क्या बुराई..हम घर में भी काम करते हैं। गांव को स्वच्छ बनाकर ही दम लूंगी।'

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सातवें आसमान पर जोश

-गल्हैता कोई इकलौता गांव नहीं है बल्कि अन्य प्रधानों में भी अपने गांव को स्वच्छ बनाने और कोरोना को हराने का जोश सातवें आसमान पर है। टांडा गांव के नवाजिश खान को ही लीजिए जो गांव में सफाई कराने के साथ कोरोना को हराने के लिए रोज निगरानी समिति की बैठक करते हैं। बोढा की प्रधान मौसमी रानी कहतीं है कि गांव स्वच्छ करने व विकास कराने को प्रधान

बनीं हैं। गांव स्वच्छ होगा तो बीमारियां नहीं फैलेंगी।

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दिखने लगा बदलाव

-निवाड़ा के असरफ और सिसाना के अनिल कहते हैं कि गांव में नये प्रधान बनने के बाद सफाई तेजी से हो रही है। कोरोना को हराने को ग्रामीणों को वैक्सीन लगवाने को प्रेरित करने में लगे हैं। घिटौरा समेत कई गांवों में पंचायत घर समेत कई विकास कार्यों के निर्माण शुरू हो गए हैं।

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गांवों को कराया सैनिटाइज

-161 गांवों के प्रधानों ने शपथ लेकर कार्य शुरू कर दिया है। 150 गांव सैनिटाइज कराने, ग्रामीणों को मास्क लगाने तथा शरीरिक दूरी बनाने को प्रेरित करने में प्रधान जुटे हैं।

------ इन प्रधानों और शपथ का इंतजार

-पंचायत उप चुनाव के बाद 83 प्रधानों को शपथ लेनी है। ढोढरा की प्रधान सुषमा कहती हैं कि जैसे ही शपथ लेंगी, वैसे ही गांव में विकास कार्य शुरू कराएंगी।

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18 करोड़ का बजट

-गांवों की नई सरकार के सामने विकास कराने में बजट की दिक्कत सामने नहीं आएगी। हाल ही में 244 ग्राम पंचायतों को 14 करोड़ का बजट मिला। चार करोड़ बजट पहले से खातों में पड़ा है। यानी कुल 18 करोड़ बजट उपलब्ध है।

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-नए चुने प्रधानों में गांवों को स्वच्छ करने और विकास कराने का गजब उत्साह है। अधिकांश प्रधान युवा और नई सोच के हैं।

-कुमार अमरेंद्र, जिला पंचायत राज अधिकारी

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