तालाबों की सफाई को लेकर जान दांव पर लगा रहे युवा

स्वच्छ भारत मिशन को लेकर सरकार जन जागरण अभियान चला रही है। गांव कस्बे और शहरों में करोड़ों रुपए भी खर्च किए जा रहे हैं लेकिन बागपत में तालाबों की सफाई कराने को लेकर अधिकारी गंभीर नहीं दिखाई दे रहे हैं तभी तो युवा अपनी जिदगी दांव पर लगा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 10:26 PM (IST) Updated:Sat, 19 Oct 2019 06:13 AM (IST)
तालाबों की सफाई को लेकर जान दांव पर लगा रहे युवा
तालाबों की सफाई को लेकर जान दांव पर लगा रहे युवा

बागपत, जेएनएन। स्वच्छ भारत मिशन को लेकर सरकार जन जागरण अभियान चला रही है। गांव, कस्बे और शहरों में करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन बागपत में तालाबों की सफाई कराने को लेकर अधिकारी गंभीर नहीं दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में अब युवा आगे आकर अपनी जिदगी दांव पर लगा रहे हैं। एक माह के दौरान हिलवाड़ी और बाछौड़ गांव के युवा कई दिन तक तालाब के किनारे ही आमरण अनशन पर बैठ चुके हैं, उसके बावजूद प्रशासन गांव-गांव तालाबों की सफाई का अभियान शुरू नहीं करा रहा है।

तालाबों की सफाई को लेकर सरकार काफी गंभीर है और समय-समय पर तालाबों से अवैध कब्जा हटवाकर सफाई कराने के निर्देश भी दिए जाते हैं, लेकिन यहां सरकार के निर्देशों पर ठीक से अमल नहीं हो रहा है। क्षेत्र में शायद ही कोई ऐसा तालाब होगा, जिस पर अवैध कब्जा न हो और वह गंदगी से अटा न पड़ा हो। तालाबों का गंदा पानी गांव की गलियों में जमा रहता है जिससे लोग संक्रामक रोगों की चपेट में आ रहे हैं। परेशान होकर गांव के युवा ही तालाबों की सफाई की आवाज उठा रहे हैं और आमरण अनशन का सहारा ले रहे हैं। हिलवाड़ी गांव का अंकुश चार दिन तक तालाब की सफाई को लेकर आमरण अनशन पर बैठा, लेकिन दो दिन सफाई कराने के बाद बंद कर दिया गया। बाछौड़ गांव का मनोज शर्मा भी तालाब की सफाई को लेकर दो दिन तक आमरण अनशन पर बैठा। सफाई का आश्वासन देकर आमरण अनशन समाप्त करा दिया गया। इनके अलावा और भी कई गांव के युवा तालाबों की सफाई की मांग उठा रहे हैं और आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दे रहे हैं।

एसडीएम गुलशन कुमार ने बताया कि गांव के प्रधान और सचिवों को जल्द ही तालाबों की सफाई पर ध्यान देकर लोगों की समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए जाएंगे।

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