बरनावा में 55वें दिन किसान से हटा पुलिस का पहरा
बरनावा गांव में 55वें दिन पुलिस ने किसान से पहरा हटा दिया है जिसके बाद किसान ने राहत की सांस ली.
बागपत, जेएनएन। बरनावा गांव में 55वें दिन पुलिस ने किसान से पहरा हटा दिया है, जिसके बाद किसान और उसके परिवार के सदस्यों से राहत की सांस ली है।
बरनावा गांव के रहने वाले आलोक त्यागी ने बताया कि भूमाफिया ने उसकी 22 बीघा भूमि पर कब्जा कर रखा था। भूमि को कब्जा मुक्त कराने के लिए उसने जुलाई माह के दूसरे सप्ताह में मुख्यमंत्री, राज्यपाल और राष्ट्रपति को पत्र भेजकर अवगत कराया था कि उसकी समस्या का समाधान न हुआ तो वह 14 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास, 15 जुलाई को राज्यपाल आवास और 16 जुलाई को विधानसभा भवन के सामने धरना देगा और समाधान न होने पर 20 जुलाई को विधानसभा के सामने आत्मदाह कर लेगा।
आलोक ने बताया कि 13 और 15 जुलाई को चकबंदी विभाग ने भूमि की पैमाइश कराते हुए 18 बीघा भूमि पर निशानदेही कर दी, लेकिन कब्जा नहीं दिलाया। उधर, उसी दिन देर रात भूमाफिया की शह पर उसके घर बिनौली पुलिस पहुंची और एक सिपाही उसके घर पर तैनात कर दिया। उसी समय से उसके साथ एक पुलिसकर्मी रहता था। केवल उसे कलक्ट्रेट तक जाने की अनुमति थी। पीड़ित किसान ने बताया कि उस पर 40 लाख रुपये बैंक का ऋण था, जो उसे इसी माह 10 सितंबर तक जमा कराना है, लेकिन पुलिस के पहरे में वह कहीं नहीं जा सका। बैंक ऋण जमा कराने के लिए अब उसके पास दो दिन का समय बचा है। पुलिस ने उसके घर से पहरा हटा लिया है, जिसके बाद उसने और उसके परिवार के सदस्यों ने राहत की सांस ली है।
उसके घर सीओ बागपत आलोक सिंह पहुंचे और उससे बातचीत करते हुए कहा कि पुलिस ने उस पर पहरा नहीं लगाया था। दैनिक जागरण ने उठाई थी समस्या
दैनिक जागरण ने आलोक त्यागी की समस्या उठाते हुए सात सितंबर के अंक में 51 दिन से पुलिस के पहरे में बरनावा का किसान शीर्षक से समाचार और पुलिस के पहरे में बैठा आलोक त्यागी का फोटो प्रकाशित किया था, जिसके बाद ही आला-अफसरों ने आलोक के घर से पुलिसकर्मी को हटा दिया है।