244 गांवों में चलेगा चूहे पकड़ने का अभियान

नटखट चूहों को हल्के में मत लीजिए जनाब..। घरों से जंगल तक लेप्टोस्पाइरोसिस समेत गंभीर बीमारियां लेकर घूम रहे हैं चूहे। प्रशासन ने इन्हें अब मारने की तैयारी की है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 06:42 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 06:42 PM (IST)
244 गांवों में चलेगा चूहे पकड़ने का अभियान
244 गांवों में चलेगा चूहे पकड़ने का अभियान

जेएनएन, बागपत: नटखट चूहों को हल्के में मत लीजिए जनाब..। घरों से जंगल तक लेप्टोस्पाइरोसिस समेत खतरनाक बीमारियों के वायरस लेकर घूम रहे चूहों से निपटने को कृषि विभाग अब कर्मियों की फौज मैदान में उतारेगा। विभागीय कर्मियों को गांव आवंटित कर दिए गए हैं। वे ग्रामीणों को चूहे से निपटने के गुर बताएंगे।

जिला कृषि अधिकारी डा. सूर्य प्रताप सिंह ने बताया कि चूहों के खिलाफ एक से 31 जुलाई तक अभियान चलेगा। बागपत के

सभी 244 गांवों में इस संबंध में गोष्ठी करने का कार्यक्रम तय कर कर्मियों को ड्यूटी लगा दी गई है। कर्मचारी ग्रामीणों

को चूहों को लालच देकर फंसाकर मारने के गुर बताएंगे। पहले दिन ग्रामीण बिलों को चिह्नित करेंगे। दूसरे तथा तीसरे दिन उनमें बिना जहर मिले सरसों के तेल मिले भुने दाने बिलों में रखेंगे। चौथे दिन वे जिक फास्फाइड 80 प्रतिशत की एक ग्राम मात्रा एक ग्राम सरसों का तेल तथा 48 ग्राम भुने दाने से बनाए गए चारे को बिलों में रखेंगे, जिसे चूहे खाकर मरेंगे। पांचवें दिन मृत चूहे को मिट्टी में गाड़ेंगे।

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लेप्टोस्पाइरोसिस का खतरा

लेप्टोस्पाइरोसिस जानलेवा वायरस चूहों से इंसान और जानवरों तक पहुंचता है। इससे लेप्टोस्पाइरोसिस रोग की चपेट में आने से मरीज को तेज बुखार, ठंड लगना और मांसपेशियों में दर्द, सिर दर्द, उल्टी, पीलिया, आंखों का लाल होना, पेट दर्द और दस्त की समस्या होती है। इस रोग के लक्षण डेंगू जैसे होते हैं। संक्रमित चूहे के मूत्र में लेप्टोस्पाइरोसिस वायरस होता है। वायरस आंख, नाक तथा मुंह के जरिए इंसान के शरीर में प्रवेश करता है। इस वायरस से बचने को बारिश के जलभराव के पानी व चूहों से दूर रहना चाहिए।

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इन बीमारियों के वाहक भी चूहे

-चूहे वाट्रोनेल्ला, टेपवर्म जीवाणु व विषाणु लेकर घूमते हैं। वेल डिसीज, वारटोनोलोसिम, रेट टेपवर्म और प्लैग रोग फैलने का खतरा रहता है।

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चूहों से फसलों में करोड़ों का नुकसान

-जिला कृषि अधिकारी डा. सूर्य प्रताप सिंह ने बताया कि चूहो से खेत में खड़ी फसलों तथा भंडारण किए गए अन्न में 15 से 20 प्रतिशत नुकसान होता है। यदि चूहों से फसलों और भंडारण को बचाया जाए तो फिर बागपत के किसानों का करोड़ों का

नुकसान नहीं होगा।

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