पीएचसी पर कोरोना वैक्सीनेशन न होने से नाराज लोगों ने किया प्रदर्शन

बागपत जेएनएन। दोघट कस्बे में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर वैक्सीन न मिलने से नाराज लोगों ने स्व

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Jul 2021 11:48 PM (IST) Updated:Tue, 20 Jul 2021 11:48 PM (IST)
पीएचसी पर कोरोना वैक्सीनेशन न होने से नाराज लोगों ने किया प्रदर्शन
पीएचसी पर कोरोना वैक्सीनेशन न होने से नाराज लोगों ने किया प्रदर्शन

बागपत, जेएनएन। दोघट कस्बे में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर वैक्सीन न मिलने से नाराज लोगों ने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जमकर हंगामा प्रदर्शन किया।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दोघट पर मंगलवार को वैक्सीनेशन कराने गये लोगों को वहां जब चिकित्सक डा. गौरव चौधरी ने बताया कि यहां वैक्सीन नहीं है। इससे ग्रामीण नाराज हो गए तथा हंगामा शुरू कर दिया। कस्बा वासियों के आरोप था कि उन्हें सोमवार को सूचना दी गई थी कि मंगलवार को स्वास्थ्य केंद्र पर वैक्सीनेशन कराया जाएगा। इसपर काफी लोग वहां टीका लगवाने पहुंच गए, लेकिन जब उनसे कहा गया कि सूचना किसी ने गलत दे दी है तो ग्रामीण नाराज हो गए। चेतावनी दी कि उन्हें वैक्सीन नहीं लगवाई गई, तो वे धरना शुरू कर देंगे। काफी देर बाद चिकित्सक गौरव चौधरी के समझाने बुझाने पर वापिस लौटे। वहीं इस संबंध में सीएचसी अधीक्षक बिनौली डा. अतुल बंसल ने बताया कि वैक्सीन अभी कम आई है। इसलिए सिर्फ सीएचसी बिनौली पर ही टीकाकरण किया जा रहा है। इस मौके पर ब्रजपाल, जसवीर, किरणपाल, गीता, प्रिया, रामकली, मोहनवीर, अंजू, बाबूलाल, केशव, रामवीर, कैलाशो, गीता, ब्रजेश आदि मौजूद रहे।

जान जोखिम में डालकर लकड़ी की बल्लियों से गुजरने को मजबूर हैं रहतनावासी

संवाद सूत्र, दाहा : प्रशासन की उदासीनता के कारण रहतना गांव में कृष्णा नदी पर पुल निर्माण नहीं कराया जा रहा, जिसके कारण ग्रामीणों जान जोखिम में डालकर लकड़ी की बल्लियों से होकर अपने खेतों में जाने को मजबूर है।

रहतना गांव के पास कृष्णा नदी पर पुल निर्माण कराये जाने की मांग को लेकर रहतना, दादरी, मांगरौली, बेगमाबाद गढ़ी गांवों के ग्रामीण जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से मिल चुके हैं लेकिन ग्रामीणों को सिर्फ आश्वासन ही मिलता आ रहा है। मजबूरन ग्रामीणों ने नदी पर बल्लियां डालकर पुल बनाया है, जिनसे गुजरने के दौरान नदी में गिरने का खतरा बना रहता है। ग्रामीणों के अनुसार रहतना गांव की सैकड़ों बीघा जमीन नदी पार है, जिस पर खेती करने के लिए रंछाड़ के पास बने पुल से 14 किमी. दूरी का सफर तय कर जाना पड़ता है या फिर चारे के गट्ठर बल्लियों पर से होकर लेकर आना पड़ता है। जबकि गांव के बच्चों को रंछाड़ गांव में स्कूल में जाने के लिए इन बल्लियों से ही होकर जाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। इस पुल से कई गांवों के लोगों का आवागमन भी रहता है।

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