अजित सिंह के निधन के बाद श्याम सिंह के परिवार में नहीं जला चूल्हा
अजित सिंह के निधन की खबर सुनते ही कस्बे में रहने वाले श्याम सिंह और उसके परिवार में चूल्हा नहीं जला।
बागपत, जेएनएन। अजित सिंह के निधन की खबर सुनते ही कस्बे में रहने वाले श्याम सिंह और उसके परिवार के सदस्यों ने इतना दुख माना कि दिन भर चूल्हा तक नहीं जला।
कस्बे की धनकोशिया पट्टी के रहने वाले श्याम सिंह ने बताया उसके दादा मलखान सिंह व परदादा बादाम सिंह चौधरी चरण सिंह से वर्ष 1937 से जुड़े हुए थे। चौधरी चरण सिंह को पहला चुनाव छपरौली में लाकर उनके दादा व परदादा ने ही लड़ाया था, तब चौधरी साहब वकालत करते थे। इसके बाद पीढ़ी दर पीढ़ी उनके पिता रतन सिंह और अब उनके परिवार की चौधरी परिवार के प्रति आस्था बनी रही। वर्ष 1986 में जब चौधरी अजित सिंह राज्यसभा में पहुंचे, तब वह पहली बार अजित सिंह से मिले थे। शुरुआत से ही यह परिवार शुरू से ही अखंड रूप से चौधरी परिवार का साथ देते आ रहा है। गुरुवार सुबह चौधरी अजित सिंह के निधन का पता चलने के बाद परिवार में चूल्हा तक नहीं जला एवं कोविड-19 के बाद भी उन्होंने घर पर शोकसभा करते हुए चौधरी अजित सिंह के निधन को देश के किसानों के लिए अपूरणीय क्षति बताया। इस दौरान योगेंद्र सिंह, उदयवीर, प्रेम सिंह, रामकुमार लाला, हरपाल प्रजापत व विजेंद्र आदि मौजूद रहे। वर्चुअल बैठक में चौधरी अजित को दी श्रद्धांजलि
रालोद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की शुक्रवार को एक वर्चुअल बैठक हुई। बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए सभी सदस्यों ने दिवंगत आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
इस मौके पर वक्ताओं ने उनके निधन को किसान-मजदूर वर्ग के लिए अपूर्णीय क्षति बताया। वर्चुअल बैठक में रालोद कार्यकर्ताओं से कोरोना महामारी के राष्ट्रीय संकट की घड़ी में आम जनता की यथासंभव सहायता करने का आह्वान किया गया। कहा कि आम जन की सहायता ही दिवंगत नेता को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। वर्चुअल बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी, महासचिव त्रिलोक त्यागी, सचिव गिरीश चौधरी, राजेंद्र शर्मा, सुखबीर सिंह गठीना, कुलदीप उज्जवल, कार्यालय सचिव समरपाल सिंह आदि शामिल हुए।