दोबारा से घिर गए इंस्पेक्टर पांडेय

आखिरकार बिनौली थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर चंद्रकांत पांडेय दोबारा आरोपों में घिर गए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 10:40 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 10:40 PM (IST)
दोबारा से घिर गए इंस्पेक्टर पांडेय
दोबारा से घिर गए इंस्पेक्टर पांडेय

बागपत, जेएनएन। आखिरकार बिनौली थाना इंचार्ज इंस्पेक्टर चंद्रकांत पांडेय दोबारा आरोपों में घिर गए। रंछाड़ के युवक अक्षय की आत्महत्या के मामले में न केवल उनको लाइन हाजिर किया गया, बल्कि उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ है। तीन साल पहले भी बिनौली थाने के एसओ रहते हुए उन पर गंभीर आरोप लगे थे। नतीजन उनको लाइन हाजिर किया गया था। बैड एंट्री मिलने पर उनका प्रमोशन भी रूक गया था।

इंस्पेक्टर चंद्रकांत पांडेय बागपत में पिछले करीब चार साल से तैनात हैं। सबसे पहले वह सिघावली अहीर थाने में एसओ बने। फिर बिनौली थाना इंचार्ज बनाए गए थे। उस समय उन पर गंभीर आरोप लगे थे। जांच के बाद तत्कालीन एसपी जयप्रकाश ने छह दिसंबर 2017 को उनको लाइन हाजिर कर दिया था। इतना ही नहीं उनको बैड एंट्री भी मिली थी। इसके बाद लंबे समय तक क्राइम ब्रांच में रहे। बाद में मेरठ के तत्कालीन आइजी ने उनको क्लीनचिट दे दी थी। पिछले करीब चार माह पूर्व उनका प्रमोशन एसआइ से इंस्पेक्टर के पद पर हुआ। एसपी अभिषेक सिंह ने पिछले माह दो जून को उनको दोबारा बिनौली थाने की कमान सौंप दी थी, लेकिन 55 दिन के कार्यकाल में ही एक बार फिर गंभीर आरोपों में घिर गए। युवक अक्षय की आत्महत्या के मामले में एसपी अभिषेक सिंह ने अन्य पुलिसकर्मियों के साथ बिनौली थाना प्रभारी चंद्रकांत पांडेय को भी लाइन हाजिर किया। युवक अक्षय के स्वजन ने उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा भी दर्ज करा दिया है।

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कैसे बनाया थाना इंचार्ज, कराएंगे जांच : सूरजपाल

भाजपा के जिलाध्यक्ष सूरजपाल गुर्जर का कहना है कि पूर्व में लगे संगीन आरोपितों में अफसरों ने जांच के बाद इंस्पेक्टर चंद्रकांत पांडेय के थाना इंचार्ज बनाने पर रोक लगा दी थी। उसके बावजूद इंस्पेक्टर पांडेय को बिनौली थाने का थाना इंचार्ज बनाया गया। इसकी जांच कराई जाएगी।

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जहां से हटे, वहां पर दोबारा तैनाती

चंद्रकांत पांडेय को बिनौली थाने से लाइन हाजिर होने के बाद दोबारा वहीं थाना इंचार्ज बनाया गया। इसको लेकर क्षेत्र में चर्चा है। लोग पुलिस अफसरों की कार्यशैली पर भी सवाल उठा रहे हैं, हालांकि किसी ने लिखित शिकायत नहीं की थी।

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