95 में से मात्र तीन पंचायत घर बनवाकर ताल ठोक रहा तंत्र

प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में श्रमिकों को काम दिलाने के लिए सभी जिलों को पंचायतघर बनवाने का ठेका दे रखा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 08:22 PM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 08:22 PM (IST)
95 में से मात्र तीन पंचायत घर बनवाकर ताल ठोक रहा तंत्र
95 में से मात्र तीन पंचायत घर बनवाकर ताल ठोक रहा तंत्र

बागपत, जेएनएन। प्रदेश सरकार ने कोरोना काल में श्रमिकों को काम दिलाने के लिए सभी जिलों को पंचायत घरों का निर्माण शुरू कराने का आदेश दिया था। छह माह से ब्लाक से लेकर राज्य स्तर तक अफसर पंचायत घरों के निर्माण की समीक्षा करने में जुटे हैं, पर जमीनी हकीकत स्याह है। बागपत में 95 में से महज तीन पंचायत घरों का निर्माण पूरा हुआ है। वहीं 45 पंचायत घरों का निर्माण कार्य चल रहा है। बाकी 47 गांवों में पंचायत घरों का निर्माण शुरू नहीं हुआ है। कई गांवों में पंचायत घरों का निर्माण कराने को जमीन तक चिह्नित नहीं की गई। इनमें नौ गांवों में तो पंचायत घरों को लेकर विवादित स्थिति बनी हुई है।

इस बीच पांच गांवों के प्रधानों ने दावा करना शुरू कर दिया कि उनके गांव में तो पहले से ही पंचायत घर बने हैं। जब पंचायत घर पहले से बने थे तो उन गांवों को पंचायत घर बनवाने की सूची में शामिल क्यों किया गया? जिला पंचायत राज अधिकारी कुमार अमरेंद्र ने कहा कि पंचायत घरों का निर्माण चल रहा है। समय रहते लक्ष्य पूरा करा लेंगे। किसानों के लिए बनेंगे मिनी गोदाम और थ्रेसिग फ्लोर

किसानों के लिए अच्छी खबर। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन दलहन योजना से गांवों में मिनी गोदाम व थ्रेसिग फ्लोर बनेंगे।

एडीओ कृषि हरिनिवास गर्ग ने बताया कि बागपत में दो गांवों में एक-एक मिनी गोदाम का निर्माण होगा। प्रति गोदाम 6.88 लाख रुपये खर्च आएगा जिसमें सरकार 3.34 लाख रुपये अनुदान देगी। मिनी गोदामों का संचालन किसानों को समूह करेगा।

मिनी गोदाम में किसान अपना अनाज रख सकेंगे, जिसका उनसे कुछ किराया वसूला जाएगा। तीन गांवों में थ्रेसिग फ्लोर का निर्माण होगा। थ्रेसिग फ्लोर यानी 20 मीटर लंबा व 10 मीटर चौड़ा पक्का चबूतरा बनेगा। एक थ्रेसिग फ्लोर के निर्माण पर 1.70 लाख रुपये खर्च होगा, जिसे सरकार वहन करेगी। इन चबूतरों पर किसान गेहूं, सरसों, धान और दलहन जैसी फसलों की थ्रेसिग और सफाई करने जैसा काम कर सकेंगे।

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