मां ब्रह्मचारिणी के गूंजे जयकारे

नवरात्रि के दूसरे दिन मां भगवती के द्वितीय स्वरूप माता ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 12:34 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 12:34 AM (IST)
मां ब्रह्मचारिणी के गूंजे जयकारे
मां ब्रह्मचारिणी के गूंजे जयकारे

बागपत, जेएनएन। नवरात्रि के दूसरे दिन मां भगवती के द्वितीय स्वरूप माता ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की गई। श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर परिवार की समृद्धि की कामना की। घरों में पूजन कर भजन और कीर्तन किया।

पंडित राजकुमार शास्त्री ने बताया कि बुधवार को मां दुर्गा के स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की गई। मां का यह रूप काफी शांत और मोहक माना जाता है। जो व्यक्ति मां के इस रूप की पूजा करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूरी होती है। ब्रह्मचारिणी के हाथों में अक्षमाला और कमंडल सुसज्जित है। माता का यह रूप ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए प्रेरित करता है। श्रद्धालुओं को पीले रंग के वस्त्रधारण कर मां की पूजा करने से अत्यंत शुभ रहता है। मां को कमल का फूल, गुड़हल का फूल अर्पित करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। दूध, दही शहद भी मां को अर्पित करने और गाय के घी का दीपक प्रज्ज्वलित करने से मां सभी कामनाएं पूरी करती हैं। श्रद्धालुओं ने पूजन के बाद माता को भोग लगाने के बाद व्रत खोले। मंदिरों में श्रद्धालुओं ने की माता ब्रह्मचारिणी की पूजा

चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन बुधवार को शहर के विभिन्न देवी मंदिरों में मां भगवती के दूसरे स्वरूप माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की गई। श्रद्धालुओं ने बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर मंदिरों में शरीरिक दूरी का पालन करते हुए पूजा-अर्चना की।

शहर के पंचवटी मंदिर के पुजारी पंडित कुंदन भारद्वाज ने बताया कि नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना का विधान है। देवी दुर्गा का यह दूसरा रूप भक्तों एवं सिद्धों को अमोघ फल देने वाला है। देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है। मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से मनुष्य को सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है, तथा जीवन की अनेक समस्याओं एवं परेशानियों का नाश होता है। मंदिरों व घर पर श्रद्धालु दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का जाप कर रहे हैं, जिससे माहौल भक्तिमय बना हुआ है।

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