सास-बहू के नाटक नहीं, अब ओलंपिक गेम्स देखें लड़कियां: बबीता फोगाट

बागपत जेएनएन। शहर में हुई सांसद खेल स्पर्धा में पहुंची कामनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने वाली अंतर

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 10:43 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 10:43 PM (IST)
सास-बहू के नाटक नहीं, अब ओलंपिक गेम्स देखें लड़कियां: बबीता फोगाट
सास-बहू के नाटक नहीं, अब ओलंपिक गेम्स देखें लड़कियां: बबीता फोगाट

बागपत, जेएनएन। शहर में हुई सांसद खेल स्पर्धा में पहुंची कामनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने वाली अंतर्राष्ट्रीय पहलवान बबीता फोगाट ने पत्रकार वार्ता में कहा कि लड़कियां सास-बहू के नाटक देखना छोड़ दें, अब ओलंपिक गेम्स देखें, ताकि देश के निर्माण के प्रति वे प्रेरित हो। यही नहीं अभिभावक भी बेटियों घर से बाहर निकलने दें। उत्तर प्रदेश में जब से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार आई है तभी से यहां भी खिलाड़ियों को सुविधाएं मिलने लगी हैं। ओलंपिक में पदक जीतकर लौटे खिलाड़ियों का भी मुख्यमंत्री ने सम्मान और स्वागत किया है।

लक्ष्य बड़ा और दिल में हिदुस्तान रखें: योगेश्वर दत्त

ओलिपिक में कांस्य पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त भी खेल स्पर्धा में पहुंचे और बताया कि कोई भी काम करना हो, उसके लिए लक्ष्य बड़ा होना चाहिए, ताकि सोच भी बड़ी हो और जिम्मेदारी भी। खेल चाहे कोई भी हो, मंजिल को पाने के लिए कोई शार्टकट नहीं होना चाहिए। हमेशा इस बात को ध्यान में रखकर खेले कि देश के लिए पदक जीतना है तो सफलता अवश्य मिलेगी। उत्तर प्रदेश में पहले के मुकाबले खेलों में मिलने वाली सुविधाओं में सुधार हुआ है।

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मिट्टी के अखाड़े में कुश्ती लड़ने से बढ़ता है मनोबल : रवि दहिया

संवाद सूत्र, चांदीनगर : गांव सिखैड़ा में आयोजित सांसद खेल स्पर्धा में पहुंचे टोक्यो ओलिपिक में रजत पदक विजेता पहलवान रवि दहिया ने कहा कि मिट्टी के अखाड़े में कुश्ती लड़ने से पहलवान का मनोबल बढ़ता है। मिट्टी के अखाड़े में पहलवानी करने वाले ही देश का नाम रोशन कर रहे हैं। सरकार खासकर पहलवानों के लिए काफी सुविधा मुहैया करा रही है। देशी खानपान ही पहलवान को मजबूत बनाता है, जो सिर्फ गावों में ही मिलता है। उन्होंने खिलाड़ियों से भी सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने की अपील की। कहा कि सरकार खिलाड़ियों के लिए गांव गांव में स्टेडियम बना रही है।

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