कर्मियों के लखनऊ जाने से दफ्तरों में सन्नाटा
बागपत: पुरानी पेंशन योजना पुन: लागू कराने की मांग को लेकर शिक्षकों और कर्मियों के आंदोल
बागपत: पुरानी पेंशन योजना पुन: लागू कराने की मांग को लेकर शिक्षकों और कर्मियों के आंदोलन करने लखनऊ जाने के कारण बागपत की अनेक शिक्षण संस्थाओं में जहां पढ़ाई ठप रही, वहीं सरकारी दफ्तरों में सन्नाटा छाया नजर आया। विभिन्न विभागों के दफ्तरों में फरियादी भटकते रहे।
संयुक्त शिक्षक-कर्मचारी शिक्षक संघ पुरानी पेंशन योजना पुन: लागू कराने की मांग को लेकर आंदोलन चलाए हुए है। बागपत से 12 बसों तथा रेल के माध्यम से सैकड़ों कर्मचारी और शिक्षक रविवार को लखनऊ रवाना हुए थे। इस कारण सोमवार को बागपत विकास भवन के विभिन्न विभागों के दफ्तरों, उप कृषि निदेशक के दफ्तर, पंचायत राज विभाग, राजस्व, शिक्षा और गन्ना समेत अनेक दफ्तरों में बहुत कम कर्मचारी नजर आए। अधिकांश ग्राम पंचायत अधिकारियों और ग्राम विकास अधिकारियों के लखनऊ जाने के कारण ग्राम पंचायतों और ब्लाक मुख्यालयों पर काम-काज पूरी तरह ठप रहा। सरकारी दफ्तरों में फरियादियों को बिना कार्य कराए निराश होकर लौटना पड़ा। अधिकारियों को भी यह कहते सुना कि हम किससे काम कराए, बाबू लखनऊ गए हैं। उनके लौटने तक आपको इंतजार करना होगा। ग्राम विकास अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने कहा कि उनके साथ बागपत से एक हजारी कर्मचारी और शिक्षक लखनऊ गए हैं। वहीं परिषदीय तथा सहायता प्राप्त स्कूलों के भी शिक्षकों के लखनऊ जाने के कारण दर्जनों स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई ठप रही। शिक्षक नेता राजकुमार शर्मा ने बताया कि परिषदीय स्कूलों के 350 शिक्षकों ने लखनऊ आंदोलन में भाग लिया है। लखनऊ में उप मुख्यमंत्री से बात हुई, लेकिन मांग पूरी नहीं होने पर आने वाले दिनों में हड़ताल और दफ्तरों-स्कूलों में तालाबंदी की जाएगी। इन्होंने कहा..
हमारे से किसी ने लखनऊ जाने की अनुमति नहीं ली है। संबंधित विभागों के अधिकारियों से जानकारी करेंगे कि कर्मचारियों ने लखनऊ जाने के लिए अनुमति ली या नहीं।
-पीसी जायसवाल, सीडीओ