बच्चों अफसरों से सीखो पैसा दबाकर रखना

बागपत : लापरवाही और भ्रष्टाचार का नमूना देखना हो तो शिक्षा विभाग आइए..जहां पैसा मिलने के द

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Jul 2018 11:08 PM (IST) Updated:Sun, 01 Jul 2018 11:08 PM (IST)
बच्चों अफसरों से सीखो पैसा दबाकर रखना
बच्चों अफसरों से सीखो पैसा दबाकर रखना

बागपत : लापरवाही और भ्रष्टाचार का नमूना देखना हो तो शिक्षा विभाग आइए..जहां पैसा मिलने के दो साल बाद भी बच्चे जमीन पर बैठकर भविष्य की इबारत लिखते रहे और लैब में बिना प्रयोग किए आगे बढ़ते गए। अब डीएम ने पूछा कि फर्नीचर और लैब उपकरण खरीद में इतना विलंब क्यों? मामला ये है कि माध्यमिक शिक्षा अभियान से बागपत में अहैड़ा, सुभानपुर, बोढ़ा और गांगनौली गांवों में चार राजकीय हाइस्कूलों का निर्माण कराया ताकि बच्चों का भविष्य संवर सके। भवन निर्माण के बाद इन स्कूलों में बच्चों के फर्नीचर तथा लैब उपकरण खरीदने को 29 मई 2016 को 24.36 लाख का बजट दिया। कायदे से उस साल में ही बच्चों को बैठने के फर्नीचर तथा लैब में प्रयोग करने को उपकरण उपलब्ध कराना था। बावजूद इसके शिक्षा अफसरान इन पैसों को दबाए रहे। पैसा दबाने के पीछे उनकी मंशा क्या थी? यह जांच का विषय है, लेकिन इतना जरूर है कि उनके इस कारनामे का सैकड़ों बच्चों को खामियाजा भुगतना पड़ा है। एक तो विज्ञान में प्रयोग करने का मौका नहीं मिला और दूसरे दो साल तक जमीन पर बैठना पड़ा। वहीं डीआइओएस ब्रजेंद्र कुमार ने कहा कि डीएम ने प्रश्न अवश्य खड़ा किया था, लेकिन हमने जवाब भेज दिया है। डीएम से अनुमति मिल गई है। जल्द फर्नीचर और लैब उपकरण खरीदने को टेंडर कराएंगे।

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