31 गांवों में पहली बार बनेगी पिछड़ों की सरकार
यूं तो पिछड़ा वर्ग के लिए 68 गांव प्रधान आरक्षित हैं। इनमें 31 गांव ऐसे हैं जहां पिछड़े वर्ग की सरकार बनेगी।
बागपत, जेएनएन। यूं तो पिछड़ा वर्ग के लिए 68 गांव प्रधान आरक्षित हैं। इनमें 31 गांव ऐसे हैं जहां पहली बार पिछड़ी जाति के लोगों को प्रधान बनने का मौका मिलेगा लेकिन इस बदलाव से सामान्य वर्ग के उन लोगों में मायूसी है जिनका हमेशा राज चलता रहा है। इस बदलाव से पिछड़ों के मन में खुशी के लड्डू फूट रहे हैं।
आरक्षण की अनंतिम सूची से साफ हो गया कि शहाजहांपुर, बरसिया, अब्दुलपुर मेवला, डौला, बसौद, फतहपुर, गोसपुर तथा तिलपनी, डूंडाहेडा, मुबारिकपुर, फिरोजपुर, मोजिजाबाद नांगल, फजलपुर, पलड़ी, मिलाना, बरनावा,नंगला रवा, फौलादनगर, पलड़ा, बोपुरा, इदरीशपुर, ओढापुर, दोझा, निवाली, धनौरा सिल्वरनगर, पूट्ठी ब्राह्ममणपुर, अहमदपुर गठीना, फैजुल्लापुर तथा असारा, सोंटी और टांडा गांव पिछले 25 साल में पहली बार पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुए हैं।
इन गांवों में पिछड़ा वर्ग के लोगों में गजब की खुशी है, क्योंकि पहली बार आरक्षण के दम पर प्रधान बनने का मौका मिलेगा।
अब सामान्य वर्ग के लोगों को भी पिछडी जाति के उम्मीदवारों पर ही दाव लगाने को मजबूर होना पड़ेगा। पिछड़ों ने भी अब मजबूती से चुनाव लड़ने की ताल ठोंकनी शुरू कर दी है। अब चुनाव घोषित होने का है लोगों में इंतजार
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आरक्षण की अनंतिम सूची जारी होने के बाद अब 4097 पदों के भावी उम्मीदवारों को चुनाव कार्यक्रम घोषित होने का बेसब्री से इंतजार है। प्रधान पद के भावी उम्मीदवारों की गुरुवार को डीपीआरओ कार्यालय में अपनी ग्राम पंचायत के वार्डों तथा क्षेत्र पंचायत वार्डों के आरक्षण की सूची प्राप्त करने को दिनभर लाइन लगी रही, ताकि चुनाव कार्यक्रम घोषित होते ही नामांकन के कागजात तैयार कराए जा सके। कई लोगों को कहते सुना कि हमारी तैयारी पूरी है लेकिन चुनाव कार्यक्रम घोषित होने का इंतजार है।