मिड डे मील में बच्चों को परोसा जाएगा पोषणयुक्त चावल
प्राथमिक एवं जूनियर विद्यालयों के बच्चों की थाली से ए ग्रेड का चावल इस बार हट जाएगा। विभाग की ओर से ऐसा बच्चों में कुपोषण मिटाने के लिए किया जा रहा है।
बागपत, जेएनएन। प्राथमिक एवं जूनियर विद्यालयों के बच्चों की थाली से ए ग्रेड का चावल इस बार हट जाएगा। उसके स्थान पर मिड डे मील में पोषणयुक्त एवं गुणवत्तापूर्ण चावल परोसा जाएगा। ऐसा बच्चों में कुपोषण मिटाने और सेहतमंद बनाने के लिए किया गया है। इसके मद्देनजर बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शासन से तीन हजार कुंतल चावल की मांग की गई है।
परिषदीय स्कूलों में पहले मिड डे मील में ए ग्रेड का चावल भी खाने के लिए दिया जाता है, लेकिन इस बार शासन ने निर्णय लिया है कि मिड डे मील में शामिल ए ग्रेड के चावल हो हटाकर उसके स्थान पर पोषणयुक्त चावल (फोर्टिफाइड राइस) दिया जाए। जनपद में 530 परिषदीय स्कूल हैं, जिनमें लगभग 70 हजार छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। ऐसा बच्चों में कुपोषण रोकने एवं उन्हें सेहतमंद बनाने के लिए किया जा रहा है। जनपद के सभी स्कूलों के बच्चे इस बार पोषणयुक्त चावल ही खाएंगे।
बीएसए राघवेंद्र सिंह ने बताया कि लगभग तीन हजार कुंतल पोषणयुक्त चावल शासन से मांग की गई है। यह चावल राशन की दुकानों से स्कूलों में पहुंचेगा। शासन का यह निर्णय बच्चों का कुपोषण दूर करने और सेहतमंद बनाने के लिए है।
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यह है पोषणयुक्त चावल
यह पोषणयुक्त चावल है इसमें आयरन, विटामिन बी-12, फालिक एसिड जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में होते हैं। पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा इसमें होती है। इस चावल का सेवन करने वाले बच्चे कुपोषण का शिकार नहीं होंगे।
धनौरा गांव में पहुंची स्वास्थ्य
विभाग की टीम
संवाद सूत्र, बिनौली : बुखार के कहर से तप रहे धनौरा सिल्वरनगर गांव में शनिवार को बागपत से चिकित्सकों की टीम पहुंची। चिकित्सकों ने रोगियों की जांच कर दवाइयां वितरित की।
धनौरा सिल्वरनगर गांव में बुखार के कहर की खबर दैनिक जागरण के 16 अक्टूबर के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित हुई। उसके बाद शनिवार को सीएचसी बागपत से चिकित्सक डा. विकास प्रकाश, डा. रामकुमार शर्मा ने गांव में जाकर पीएचसी पर शिविर लगाया, जिसमें 43 रोगियों की जांच कर दवाइयां दी गईं। इस दौरान तीन 20 रोगी सर्दी, जुकाम व बुखार से पीड़ित मिले। उनकी डेंगू, मलेरिया व टाइफाइड की जांच की गई। तीन रोगी प्रारंभिक जांच में डेंगू तथा तीन टाइफाइड से पीड़ित पाए गए। इनके सैंपल पुष्टि के लिए मेरठ भेजे गए हैं। इस दौरान फार्मासिस्ट संजीव यादव, स्टाफ नर्स राजकुमार, एलटी अवधेश, एएनएम निशा व आंगनबाड़ी आशा वर्कर मौजूद रहीं। डाक्टर साहब नहीं आते
कैसे हो उपचार
एक ग्रामीण ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को कहा कि पीएचसी पर तैनात डाक्टर साहब नहीं आते। स्टाफ भी डाक्टर की गैर मौजूदगी में सहीं से व्यवहार नहीं करता। इसी कारण बीमार ग्रामीणों का उपचार नहीं हो पाता है।