फलों के राजा को मिलेगी बीमा सुरक्षा
बाग मालिकों को अब रंग बदलते मौसम की मार नहीं सहनी पड़ेगी। केंद्र सरकार ने आम की फसल को बीमा के दायरे में लाकर बाग मालिकों को हर साल होने वाले फसल के नुकसान से बचाने का प्रयास किया है।
जागरण न्यूज नेटवर्क बागपत : बाग मालिकों को अब रंग बदलते मौसम की मार नहीं सहनी पड़ेगी। केंद्र सरकार ने आम की फसल को बीमा दायरे में लाकर बाग मालिकों को नुकसान से बचाने की प्रभावी पहल की है। बागपत समेत 14 जिलों में पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू की है। इससे भीनी-भीनी खुशबू और लाजवाब स्वाद के लिए दुनियाभर में मशहूर रटौल आम को संजीवनी मिलेगी।
बाग मालिकों को आम का बीमा कराने को पांच फीसदी प्रीमियम राशि चुकानी होगी। वे पंद्रह दिसंबर तक बीमा करा सकते हैं। बीमा स्वैच्छिक है। बैंक से कर्ज लेने वालों में यदि कोई बाग मालिक बीमा नहीं कराना चाहता, तो बैंक अधिकारियों को लिखित में अवगत कराएंगे। मौसम में बदलाव से आम फसल नुकसान का आकलन करने को प्रत्येक ब्लाक में दो स्वचालित मौसम केंद्र स्थापना होगी।
मौसम केंद्र के वर्षा, तापमान, तेज हवा तथा आर्द्रता के डाटा के आधार पर आम की फसल में नुकसान का आकलन कर बीमा राशि तय की जाएगी। आम बाग मालिक जन सुविधा केंद्र पर आधार नंबर के आधार पर ऑनलाइन बीमा करा सकते हैं। पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना में बागपत की फलपट्टी एरिया के पिलाना व खेकड़ा ब्लाक को लिया है। मौसम के रंग बदलने की सर्वाधिक मार बाग मालिकों पर पड़ती है। रटौल गांव के लिए यह बीमा योजना मील का पत्थर साबित हो सकती है।
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इन जिलों को होगा फायदा
बागपत, सहारनपुर, मेरठ, बुलंदशहर, अमरोहा, प्रतापगढ़, वाराणसी, लखनऊ, उन्नाव, सीतापुर, हरदोई, अयोध्या, बाराबंकी तथा बलरामपुर।
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इन्होंने कहा.
बागपत के आम उत्पादकों को पहली बार बीमा सुरक्षा मिलेगी। पिलाना और खेकड़ा ब्लाक के सैकड़ों बाग मालिकों को बीमा योजना का लाभ होगा।
-प्रशांत कुमार, कृषि उप निदेशक।