सोलर पंप से होगी मुफ्त सिंचाई, लहलहाएंगी फसलें

अश्वनी त्रिपाठी, बागपत: महंगी बिजली और डीजल इंजन से सिंचाई कर खेती में घाटा उठा रहे किसानों के लिए खुशखबरी है। शासन उनके लिए सोलर पंपों से मुफ्त सिंचाई की व्यवस्था करने जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Dec 2018 09:45 PM (IST) Updated:Sat, 22 Dec 2018 09:45 PM (IST)
सोलर पंप से होगी मुफ्त सिंचाई, लहलहाएंगी फसलें
सोलर पंप से होगी मुफ्त सिंचाई, लहलहाएंगी फसलें

अश्वनी त्रिपाठी, बागपत:

महंगी बिजली और डीजल इंजन से सिंचाई कर खेती में घाटा उठा रहे किसानों की एक बड़ी समस्या का निदान होने जा रहा है। जिले की 20 ग्राम पंचायतों को पोॅर्टेबल सोलर माइक्रो पंप दिए जाएंगे। किसान इनका प्रयोग निश्शुल्क सिंचाई के लिए कर सकेंगे। खास यह है कि पूरे देश में सबसे पहले जनपद की पंचायतों को ये पंप मिलेंगे। जल्द ही इसका डेमो भी होगा।

..इसलिये होगी बागपत से शुरुआत

केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डा. सत्यपाल ¨सह गत मार्च माह में आइआइटी भुवनेश्वर के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। वहां उन्होंने पोर्टेबल माइक्रो सोलर पंप का प्रोजेक्ट देखा तो इसे बागपत के गांवों में लगवाने की इच्छा जताई। दरअसल, बागपत जिले के सभी किसानों के पास में सिंचाई पंपसेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। जिले में 40 हजार किसान किराए के पंप से ¨सचाई करते हैं। आइआइटी के इंजीनियर्स के साथ जिले के किसानों की मी¨टग कराई लेकिन नया प्रोजेक्ट होने के कारण किसानों ने रुचि नहीं दिखाई। तब केंद्रीय मंत्री ने पंप की क्षमता वृद्धि और ट्राली लगवाने के साथ कुछ अन्य बदलाव करा इसे जिले की ग्राम पंचायतों में मुफ्त लगवाने की योजना बनाई। पावर फाइनेंस कारपोरेशन इसके लिए आइआइटी भुवनेश्वर को धन देगी। आइआइटी अपने स्टार्टअप 'करमा' के जरिए ये पंप जिले की 20 ग्राम पंचायतों में निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। पंचायत के किसान इन्हें जरूरत के हिसाब से अपने खेत में ले जाकर सिंचाई के लिए प्रयोग कर सकेंगे। ऐसा होगा पंप का स्वरूप

आइआइटी भुवनेश्वर के स्टार्टअप करमा के अनुसार, एक हार्स पावर से 20 हार्स पावर क्षमता वाले पोर्टेबल सोलर माइक्रो पंप के साथ सोलर प्लेट भी रहेंगी। लाखों रुपये कीमत के इस पंप को इधर से उधर ले जाने के लिए ट्राली होगी। न्यूनतम क्षमता का पंप प्रति घंटे एक हजार लीटर पानी देगा। जिले की पंचायतों को तीन हार्स पावर के पंप दिए जाएंगे। पंप अधिकतम 800 फीट गहराई से पानी खींच सकेगा। पंप के सोलर पैनल में कोई खर्च नहीं आएगा, जबकि इसकी न्यूनतम उम्र 25 साल रहेगी। ¨सचाई के अलावा इसे बतौर पावर प्लांट भी प्रयोग कर सकेंगे। सीएसआर फंड का सदुपयोग

सोलर पंप लगाने में कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड का प्रयोग किया जा रहा है। इस फंड को निजी कंपनियां जनसेवा के कार्यों पर खर्च करती हैं। इस प्रोजेक्ट से पंचायतों पर धन खर्च करने का उद्देश्य पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करना और सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना है। प्रदूषण घटेगा और बिजली पर निर्भरता भी कम होगी।

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