निसार हत्याकाड : सुप्रीम कोर्ट ने सात आरोपितों की जमानत की खारिज

निवाड़ा गाव की निवर्तमान प्रधान जुलेखा बेगम के जेठ निसार की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सात आरोपितों की जमानत निरस्त कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए जेल से रिहा हुए एक आरोपित ने अदालत में आत्मसमर्पण किया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 12:32 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 12:32 AM (IST)
निसार हत्याकाड : सुप्रीम कोर्ट ने सात आरोपितों की जमानत की खारिज
निसार हत्याकाड : सुप्रीम कोर्ट ने सात आरोपितों की जमानत की खारिज

जेएनएन, बागपत। निवाड़ा गाव की निवर्तमान प्रधान जुलेखा बेगम के जेठ निसार की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सात आरोपितों की जमानत निरस्त कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए जेल से रिहा हुए एक आरोपित ने अदालत में आत्मसमर्पण किया।

निवाड़ा गाव में 16 मई 2020 को निसार की हत्या कर दी गई थी। हमले में चार लोग घायल हुए थे। निसार के बड़े भाई हारूण राणा ने 23 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस की जाच में छह अन्य नाम प्रकाश में आए थे। इनमें 11 लोगों पर हत्या और 18 लोगों पर साजिश रचने का आरोप है।

पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता नरेश त्यागी ने बताया कि सात आरोपितों की बागपत कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद बचाव पक्ष ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए 14 दिसंबर 2020 को आरोपित फारूख, 27 जनवरी 2021 को आरोपित इस्लामुद्दीन, भुट्टो, इब्ने, इसरार व सुहेल और एक फरवरी 2021 को आरोपित महताब को जमानत दे दी थी। जमानत के बाद सुहेल जेल से बाहर गया था, जबकि अन्य छह आरोपित गैंगस्टर एक्ट के मामले में जेल में थे। वहीं, हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी। फरवरी माह में सुप्रीम कोर्ट ने जेल से रिहाई होने से पहले ही आरोपितों की जमानत पर रोक लगा दी थी। अधिवक्ता नरेश त्यागी का कहना है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सातों आरोपितों की जमानत निरस्त कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए आरोपित सुहेल ने बागपत कोर्ट में मंगलवार को आत्मसमर्पण किया। उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है।

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