कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद बढ़ रहा ब्लैक फंगस का खतरा

जेएनएन बागपत। कोरोना आपदा अब ब्लैक फंगस इंफेक्शन को भी साथ ले आई है। कोरोना संक्रमण से

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 09:54 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 09:54 PM (IST)
कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद बढ़ रहा ब्लैक फंगस का खतरा
कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद बढ़ रहा ब्लैक फंगस का खतरा

जेएनएन, बागपत। कोरोना आपदा अब ब्लैक फंगस इंफेक्शन को भी साथ ले आई है। कोरोना संक्रमण से उबर चुके लोगों पर ब्लैक फंगस हमला कर रहा है, जिसके मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके लिए अपना शुगर लेवर चेक करते रहना चाहिए। नियमित रूप से डाक्टर की सलाह भी जरूरी है।

बड़ौत के ईएनटी विशेषज्ञ डा. निखिल धामा बताते हैं कि ब्लैक फंगस इन्फेक्शन को मेडिकल साइंस में म्यूकारमायकोसिस कहा जाता है, जो मुख्यतया फेफड़े में होता है। इससे ग्रस्त रोगियों में आंखों के आसपास सूजन आ जाती है। सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इसके अलावा नाक में दर्द के साथ बुखार, नाक से काले खून का डिस्चार्ज होना, सिरदर्द, खांसी, खून की उल्टी होना और पेट में दर्द जैसी शिकायतें भी इसके लक्षण में आते हैं। स्किन में इन्फेक्शन होने पर कालापन आ जाता है। यह फंगस रोगियों के दिमाग पर भी गहरा असर डालता है। इस संक्रमण में ब्लड की वेसल्स पर असर होता है और थ्रोम्बोसिस यानी खून का थक्का जमने का खतरा भी बढ़ जाता है। लक्षण दिखने पर तुरंत ईएनटी स्पेशलिस्ट से मिलकर उपचार शुरू कराएं। डा. धामा के मुताबिक, इस संक्रमण का खतरा पहले भी रहता था, मगर अब इसके मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। यह आमतौर पर कमजोर इम्युनिटी वाले, शुगर रोगी और लंबे समय से स्टेरायड लेने वाले संक्रमित हो रहे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण के बाद इम्युनिटी कमजोर होने पर यह ब्लैक फंगस तेजी से शरीर को जकड़ता है। ऐसे में बचाव के लिए डायबिटीज कंट्रोल करने और लंबे समय तक स्टेरायड लेने से बचना चाहिए।

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