बंदरों ने हेड कांस्टेबल समेत सात को किया जख्मी
रटौल गांव में बंदरों ने हमला कर एक हेड कांस्टेबल समेत सात लोगों को हमला कर घायल कर दिया।
बागपत, जेएनएन। रटौल गांव में बंदरों ने हमला कर एक हेड कांस्टेबल समेत सात लोगों को हमला कर जख्मी कर दिया। दहशत में बच्चों ने घर से बहार निकलना बंद कर दिया है।
रविवार को बंदरों ने मकान की छत पर सो रहे महफूज पुत्र रफीक, नवाब पुत्र नन्हे, वकार पुत्र इंतिजार, इरफान पुत्र कलवा, आतिफ पुत्र एतिसाम तथा चौकी पर हेडकांस्टेबल नरेंद्र कुमार गौड़ पर हमला कर घायल कर दिया। घायलों का डॉक्टर से इलाज कराया गया। शनिवार को भी बंदरों ने पांच लोगों को घायल किया था। ग्रामीणों की मानें तो कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समाधान नहीं हो पाया। प्रधान भी बंदरों को पकड़वाने को कोई कदम नहीं उठा रहें हैं।
प्रधान नसरीन ने कहा कि बंदरों के आतंक से गांव के लोग परेशान हैं। बंदर पकड़वाने के लिए डीएम को पत्राचार किया गया है। बंदरों को जल्द पकड़वाया जाएगा। युवाओं का हंगामा
बंदरों के आतंक से परेशान युवाओं ने गांव में अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन किया। जल्द बंदरों के नहीं पकड़े जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। हंगामा करने वालों में निजारत, नाजिम बेग, दानिश, राशिद, नईम, युनूस आदि शामिल रहे। इंजेक्शन लगवाने में होती है परेशानी
-रटौल व आसपास के गांव के लोगों को एंटी रेबीज के वैक्सीन लगवाने को खेकड़ा सीएचसी जाना पड़ता है। वर्तमान में सीएचसी के कोविड-19 अस्पताल बनने के बाद अब एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने जिला अस्पताल जाना पड़ता है। वहां भी आसानी से वैक्सीन नहीं लगती है। पीड़ितों को महंगी वैक्सीन क्रय कर लगवानी पड़ती है। ग्रामीणों ने रटौल पीएचसी पर भी रेबीज के इंजेक्शन की व्यवस्था कराने को मांग की है। आसपास भी बंदरों का आतंक
-लहचौडा, विनयपुर गांव में भी बंदर आए दिन ग्रामीणों को जख्मी करते रहते हैं। शिकायतों के बाद उक्त गांवों के लोगों को बंदरों से बचाने को प्रशासन ने आज तक कदम नहीं उठाया है। इन्होंने कहा..
रटौल गांव में बंदरों को पकड़वाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों को लिखेंगे। बंदरों से ग्रामीणों को मुक्ति दिलाएंगे।
-गुलशन कुमार, एसडीएम खेकड़ा।