पोल और जर्जर तार में करंट से हो रहे हादसे
बड़ौत में बरसात के मौसम में बिजली के जर्जर तारों और पोल में करंट उतरने की घटना आए दिन सामने आती रहती है। इससे हादसे भी होते रहते हैं। उपभोक्ताओं द्वारा शिकायत करने के बाद भी ऊर्जा निगम के कर्मचारी ध्यान नहीं देते हैं।
बागपत, जेएनएन। बड़ौत में बरसात के मौसम में बिजली के जर्जर तारों और पोल में करंट उतरने की घटना आए दिन सामने आती रहती है। इससे हादसे भी होते रहते हैं। उपभोक्ताओं द्वारा शिकायत करने के बाद भी ऊर्जा निगम के कर्मचारी ध्यान नहीं देते हैं।
देहात क्षेत्र में वर्षों पहले खींची गई बिजली की लाइन काफी जर्जर हो चुकी है। आंधी में पोल टूटने पर ऊर्जा निगम कर्मचारी पोल को सपोर्ट से जोड़कर या लकड़ी की सपोर्ट लगाकर लाइन को चालू कर देते हैं। पोल में करंट आने के कारण जान-माल की हानि के साथ फसल जलने की घटना भी सामने आती रहती है। पीड़ितों के शिकायत करने के बाद भी ऊर्जा निगम कर्मचारी ध्यान नहीं देते है। जिससे आए दिन जनहानि और फसल जलने की घटना सामने आती रहती है।
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नहीं बांधी पॉलीथिन
ऊर्जा निगम कांवड़ यात्रा को देखते हुए बरसात के मौसम में बिजली के पोल पर जमीन से लेकर छह फीट की ऊंचाई तक पॉलीथिन बंधवा देता था। इससे पोल में करंट आने पर भी करंट लगने का खतरा नहीं रहता था। लेकिन कांवड़ यात्रा रद होते ही ऊर्जा निगम ने पोल पर पॉलीथिन बांधने का काम ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
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एबीसी केवल डालने का धीमा
ऊर्जा निगम ने जर्जर तारों से होने वाले नुकसान और बिजली की चोरी रोकने के लिए क्षेत्र में एबीसी केबल डालने का काम 31 अप्रैल तक पूरा कराना था। लेकिन लॉकडाउन में काम बंद होने से एबीसी केबल डालने का काम ठंडे बस्ते में पड़ता नजर आ रहा है। ये हुईं घटनाएं
बरसात के मौसम में अग्रसेन चौक पर बिजली के पोल में करंट आने से बेसहारा गोवंश की मौत हो चुकी है। वहीं जर्जर तार टूटने से कंडेरा गांव के किसानों की पांच बीघा गन्ना की फसल जल गई थी। कान्हड़ गांव में नरेंद्र प्रधान और बामनौली के किसानों की गन्ने की फसल भी जर्जर तारों के कारण जल चुकी है।
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एबीसी केबल डालने का काम जारी
- अधिशासी अभियंता प्रथम गोपाल सिंह का कहना है कि बिजली चोरी और हादसों को रोकने के लिए क्षेत्र में एबीसी केबल डालने का काम जारी है। लॉकडाउन में काम बंद होने से बाधा हुई है।