हिस्ट्रीशीटर बाबू समेत पांच को आजीवन कारावास
ग्राम निरपुड़ा की प्रधान मुनेश देवी के पति चौधरी ब्रजपाल सिंह राणा की आठ साल पूर्व हुई हत्या के मामले में अदालत ने हिस्ट्रीशीटर बाबू व ओमप्रकाश समेत पांच आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
बागपत, जेएनएन। ग्राम निरपुड़ा की प्रधान मुनेश देवी के पति चौधरी ब्रजपाल सिंह राणा की आठ साल पूर्व हुई हत्या के मामले में अदालत ने हिस्ट्रीशीटर बाबू व ओमप्रकाश समेत पांच आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
29 सितंबर 2012 की शाम करीब पांच बजे ग्राम निरपुड़ा की प्रधान मुनेश देवी अपने पति चौधरी ब्रजपाल सिंह राणा के साथ साप्ताहिक पैठ में सब्जी लेने के लिए गई थी। यहां पर ब्रजपाल राणा की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। प्रधान मुनेश देवी और शोर-शराबा सुनकर मौके पर पहुंचे उनके बेटे निश्चय राणा ने अपने दो साथियों के साथ किसी तरह अपनी जान बचाई थी। प्रधान मुनेश देवी ने दोघट थाने पर गांव के ही इकबाल पुत्र रगवीर, रामबली पुत्र कर्मसिंह, ओमप्रकाश पुत्र महकसिंह व दो व्यक्ति अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस की विवेचना में कालू पुत्र बेदपाल व नीरज पहलवान पुत्र कर्ण सिंह निवासीगण ग्राम दाहा, बाबू पुत्र महीपाल निवासी ग्राम भड़ल, सुधीर पुत्र देशपाल निवासी ग्राम जौनमाना के नाम प्रकाश में आए थे। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई कर अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी।
डीजीसी सुनील पंवार व वादी के अधिवक्ता पूर्व डीजीसी केपी सिंह व अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार काठा ने बताया कि केस के पांच आरोपित हिस्ट्रीशीटर बाबू व ओमप्रकाश के अलावा इकबाल, नीरज और सुधीर की फाइल पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष कुमार राय की अदालत में सुनाई हुई। 10 गवाहों की अदालत में गवाही हुई। अदालत ने केस की सुनवाई करते हुए सोमवार को पांचों आरोपितों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही सभी दोषियों पर 32-32 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। आरोपित बाबू पहले से ही जेल में है तथा अन्य चार आरोपित जमानत पर जेल से छूटे हुए थे। सजा सुनाई जाने के बाद उनको भी न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया।
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रहस्यमय ढंग से गायब है हिस्ट्रीशीटर रामबली
जेल से जमानत पर छूटने के बाद हिस्ट्रीशीटर रामबली पिछले कई वर्षो से रहस्यमय ढंग से गायब है। उसकी माता ने बेटे रामबली की हत्या कर कुएं में दबाने का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस ने कुएं की खोदाई कराई थी, लेकिन रामबली का पता नहीं चला था। जमानत पर जेल से छूटे केस के आरोपित कालू की फाइल अदालत में पृथक हो रही है।