दान की जमीन नहीं ले पा रहे अधिकारी
गांवों में पंचायत घर बनवाना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है लेकिन बागपत के नौ गांवों में पंचायत के लिए जमीन उपलब्ध नहीं है।
बागपत, जेएनएन। गांवों में पंचायत घर बनवाना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है, लेकिन बागपत के नौ गांवों में पंचायत घरों के निर्माण को जमीन उपलब्ध नहीं है। इनमें पलड़ा गांव प्रधान ने पंचायत घर बनवाने को लाखों रुपये की अपनी जमीन दान करने की शानदार पहल की। वहीं, अफसरान ने नियम-कायदों की पेचीदगी का हवाला देकर दान की जमीन लेने के बजाय मामला शासन को रेफर करने का आश्वासन दिया।
पलड़ा गांव प्रधान सईदा बेगम के पति नफीस ने बताया कि पंचायत घर बनवाने को ग्राम पंचायत की जो जमीन चिह्नित की गई थी, वह कागजों में खाद के गड्ढे की निकली। खाद गड्ढे की जमीन पर पंचायत घर नहीं बनाया जा सकता। तब प्रधान के ससुर अलीजान ने पंचायत घर बनवाने को गांव से सटी अपनी जमीन में 100 वर्ग मीटर जमीन दान करने का निर्णय लिया।
इस जमीन की कीमत चार लाख रुपये है।
गत दिवस प्रधान अपने पति और ससुर के साथ जमीन दान करने जिला पंचायत राज अधिकारी के पास पहुंचे।
जिला पंचायत राज अधिकारी कुमार अमरेंद्र जमीन दान करने की कागजी औपचारिकता पूरी कराने को एआइजी स्टांप रामदयाल के पास ले गए।
एआइजी स्टांप ने उन्हें बताया कि जमीन राज्यपाल के नाम दान होती है। जमीन दान में लेने को को जिला पंचायत राज अधिकारी शासन से अधिकृत होना चाहिए।
जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि हम जमीन दान में लेने को अधिकृत नहीं हैं। इसलिए पूरा मामला पंचायत राज निदेशक को रेफर किया है ताकि निदेशक शासन से दिशा-निर्देश प्राप्त कर जमीन दान में लेने की कार्रवाई करा सकें। वहीं
प्रधान सईदा बेगम और उनके पति नफीस ने कहा कि हम जमीन दान करने को फिर डीएम से मिलेंगे। कहा कि हमारे गांव की आबादी छह हजार है लेकिन पंचायत घर नहीं है।