एक्सप्रेस-वे किनारे फिर खुलने लगे मौत के अवैध ढाबे

प्रशासन की ढील मिलते ही ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के किनारे फिर से ढाबे खुल गए हैं। इन्हें मौत के ढाबे भी कहा जाता है क्योंकि ढाबों के बाहर हर समय वाहनों की कतार लगी रहती है। इन खड़े वाहनों की चपेट में आकर तेज रफ्तार वाहन के चालक मौत का शिकार हो जाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 30 Oct 2019 12:15 AM (IST) Updated:Wed, 30 Oct 2019 06:26 AM (IST)
एक्सप्रेस-वे किनारे फिर खुलने लगे मौत के अवैध ढाबे
एक्सप्रेस-वे किनारे फिर खुलने लगे मौत के अवैध ढाबे

बागपत, जेएनएन। प्रशासन की ढील मिलते ही ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के किनारे फिर से ढाबे खुल गए हैं। इन्हें मौत के ढाबे भी कहा जाता है, क्योंकि ढाबों के बाहर हर समय वाहनों की कतार लगी रहती है। इन खड़े वाहनों की चपेट में आकर तेज रफ्तार वाहन के चालक मौत का शिकार हो जाते हैं।

एनएचएआइ की तरफ से ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे पर राहगीरों के जलपान के लिए होटल या रेस्टोरेंट की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। महीनों पूर्व लहचौड़ा के पास दो अवैध ढाबे खुले थे। ढाबे खुलने से राहगीरों को फायदा हो रहा था, परंतु नुकसान उससे कहीं ज्यादा था। ढाबों के पास एक्सप्रेस-वे पर दोनों तरह चालक वाहनों को खड़ा कर देते थे। इससे ओवरटेक करने के प्रयास में खड़े उक्त वाहनों से दुर्घटनाएं होती थी। करीब दो साल में ढाबों के बाहर खड़े वाहनों के कारण करीब दो दर्जन लोगों की मौत हुई थी। हादसों को देखते हुए तत्कालीन एसडीएम व सीओ ने उक्त ढाबों को बंद कराया था। ढाबे बंद होने के बाद पहले के मुकाबले हादसे भी काफी कम हुए। परंतु प्रशासन की ढील के बाद एक्सप्रेस-वे किनारे फिर अवैध ढाबे खुले है व एक दो स्थान पर तैयारियां की जा रही है। बंथला-ढिकौली मार्ग के दोनों तरफ ढाबे खुले हैं। ऐसे में हर वक्त दर्जनों वाहन की कतार दोनों तरफ लगी रहती है। अगर अब किनारे खड़े वाहनों के कारण कोई हादसा हुआ तो जिम्मेदारी कौन लेगा? एनएचएआइ या ध्यान नहीं देने वाली पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी। एसडीएम दुर्गेश मिश्रा का कहना है कि जांच कराई जाएगी अगर ढाबे खुले हैं तो संचालकों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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