अधिकारियों ने नहीं की सुनवाई तो खुद सफाई में जुटे ग्रामीण
मिलाना गांव में डेढ़ वर्ष से मुख्य रास्ते पर कीचड़ एवं जल भराव बना हुआ है। प्रशासनिक सहयोग नहीं मिल पाने से अब ग्रामीण खुद के खर्च से कीचड़ की सफाई कराने को विंवश हैं।
बागपत, जेएनएन। मिलाना गांव में डेढ़ वर्ष से मुख्य रास्ते पर कीचड़ एवं जल भराव बना हुआ है। प्रशासनिक सहयोग नहीं मिल पाने पर अब ग्रामीण अपने खर्च से कीचड़ निकालकर सफाई करने में जुट गए हैं।
मिलाना गांव के मुख्य रास्ते से झुंडपुर, मिलाना, खपराना, तमेलागढ़ी, फौलादनगर, बोपुरा, गैडबरा, पट्टी बंजारन आदि गांवों के लोगों का आवागमन बना रहता है, जबकि बरनावा को सरौरा तक जाने के लिए भी इसी मार्ग से जाना पड़ता है। इस मार्ग पर गांव के बीच करीब दो वर्ष से लगातार कीचड़ एवं जलभराव बना होने के कारण आवागमन बंद हो चुका था। इसके कारण क्षेत्रवासियों को 200 मीटर के बजाए दूसरे रास्ते से करीब दो किमी अधिक सफर तय कर आवागमन करना पड़ रहा था।
ग्रामीणों ने बताया कि इसके लिए ग्राम प्रधान से लेकर डीएम तक से शिकायत करने के बावजूद समाधान नहीं किया गया। अब पिछले दो दिनों से बस्ती के लोग अपने खर्च से ट्रैक्टर ट्राली लगाकर खुद फावड़े, तसलों से कीचड़ निकालने में जुटे हुए हैं। बीडीओ बिनौली राजीव शर्मा ने मामले से अनभिज्ञता जताई।
गंदे पानी से जाने-आने को विवश मलकपुर की मोहना पट्टी के लोग
संवाद सहयोगी, बड़ौत : मलकपुर गांव की मोहना पट्टी में नाले पर अवैध कब्जा होने से जलनिकासी बाधित है। रास्ते पर जलभराव होने से लोगों को गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है।
मंगलवार को ग्रामीणों ने गंदे पानी में खड़े होकर प्रदर्शन किया और अधिकारियों से समस्या का संज्ञान लेकर निस्तारण कराने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि नाले की भूमि पर कुछ ग्रामीणों का अवैध कब्जा है। इस कारण गंदे पानी की निकासी पूरी तरह से बंद है। फिलहाल तालाब ओवरफ्लो होने से गंदा पानी गली से होते हुए लोगों के घरों में घुस गया है। इससे एक तरफ आवागमन में दिक्कत हो रही है वहीं संक्रामक रोग फैलने की आशंका बनी हुई है। ग्रामीणों ने मामले की शिकायत मंडलायुक्त से भी की थी। आरोप है कि मंडलायुक्त की तरफ से कार्रवाई के निर्देश दिए जा चुके हैं, मगर तहसील स्तर के अधिकारी मामले में उदासीनता बरत रहे हैं। इसको लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। प्रदर्शन करने वालों में सोहनवीर सिंह, नीटू, निखिल, सुरेंद्र, रामेश्वर, सौरभ, हेमेंद्र, धर्मपाल वाल्मीकि, देशपाल, सुंदर, विक्की, महेश एडवोकेट आदि शामिल थे।