हाटस्पाट की ओर जा रहे कई गांव, तनाव में विभाग

ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना महामारी कहर बनकर टूट रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 08:56 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 08:56 PM (IST)
हाटस्पाट की ओर जा रहे कई गांव, तनाव में विभाग
हाटस्पाट की ओर जा रहे कई गांव, तनाव में विभाग

बागपत, जेएनएन। ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना महामारी कहर बनकर टूट रही है। बिनौली, बड़ौत और छपरौली क्षेत्र में ऐसे कई गांव हैं, जिनमें कोरोना पाजिटिव के ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने इन गांवों में अपनी निगरानी बढ़ा दी है। इन गांवों के उन परिवारों में ज्यादा केस सामने आ रहे हैं, जिनमें पहले पाजिटिव केस मिल चुके हैं।

बड़ौत सीएचसी क्षेत्र में बावली गांव में लगभग 26, हिलवाड़ी गांव में 20, लुहारी गांव में भी 20 कोरोना पाजिटिव केस सामने आए हैं। कासिमपुर खेड़ी गांव की स्थिति में पहले के मुकाबले सुधार हुआ है। बिनौली क्षेत्र में बामनौली और जिवाना गुलियान गांव में पहले के मुकाबले ज्यादा कोरोपा पाजिटिव केस सामने आए हैं। छपरौली क्षेत्र में लूंब, तुगाना, रमाला और किरठल गांव में पाजिटिव केस की संख्या बहुत की कम बताई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इन गांवों पर नजर रखे हुए हैं।

सीएचसी अधीक्षक बिनौली डाक्टर अतुल बंसल, बड़ौत सीएचसी अधीक्षक डाक्टर विजय और छपरौली सीएचसी अधीक्षक डाक्टर राजकमल सिंह का कहना है कि कोरोना पाजिटिव केस मिल अवश्य रहे हैं, लेकिन ऐसी स्थिति नहीं है कि किसी गांव में बहुत ज्यादा मिल गए हो। कई मरीज ऐसे थे, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि अन्य को होम आइसोलेट किया गया है।

उधर, लूंब गांव के मनीष, रमाला गांव के जितेंद्र सिंह, हिलवाड़ी गांव के अंकुश तोमर, तिलवाड़ा गांव के आरआरडी उपाध्याय का आरोप है कि गांवों में कोरोना पाजिटिव मरीजों की संख्या ज्यादा हैं। एक तो स्वास्थ्य विभाग सही आंकड़े बताने में परहेज कर रहा है और दूसरा मरीजों के कोरोना टेस्ट नहीं किए जा रहे हैं, यदि सही जांच हो जाए तो सबके सामने आंकड़े आ जाएंगे। छपरौली में स्वास्थ्य विभाग का दावा सही या कुछ और

छपरौली क्षेत्र में किरठल, रमाला, ककड़ीपुर आदि समेत कई गांव ऐसे हैं, जहां गांव के लोगों की ओर से कोरोना पाजिटिव केस के ज्यादा मिलने की सूचना सामने आ रही है और यहां कितने ही लोगों की जान भी जा चुकी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक भी गांव ऐसा नहीं है जहां सात या आठ से ज्यादा केस सामने आए हो।

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