कोरोना की चपेट में आकर भी की दूसरों की मदद

दीपांजलि। यह नाम आपके लिए भले अनजान हो लेकिन उन बच्चों और महिलाओं से पूछिए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 10:25 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 10:25 PM (IST)
कोरोना की चपेट में आकर भी की दूसरों की मदद
कोरोना की चपेट में आकर भी की दूसरों की मदद

बागपत, जेएनएन। दीपांजलि। यह नाम आपके लिए भले अनजान हो लेकिन उन बच्चों और महिलाओं से पूछिए जिन्हें इंसाफ दिलाने को भूल गईं कि वह कोरोना पाजिटिव है। दो बार चपेट में आई पर दोनों बार घर से वर्चुअल बच्चों और महिलाओं की खातिर काम करतीं रहीं। जी हां! हम बात कर रहे हैं बाल संरक्षण अधिकारी दीपांजलि की..।

महिला एवं बाल कल्याण विभाग में दीपांजलि की साल 2016 में बाल संरक्षण अधिकारी पद पर नियुक्ति हुईं। पीड़ित बच्चों और महिलाओं को इंसाफ दिलाने को वह सातों दिन 24 घंटे तत्पर रहतीं हैं। बाल विवाह

रुकवाने में तो उनका कोई सानी नहीं है।

तीन साल में वह 30 से ज्यादा बाल विवाह रुकवाने की मिसाल कायम कर चुकी हैं। यह कोई खास बात नहीं है, क्योंकि यह उनकी ड्यूटी और जिम्मेदारी है पर काबिल ए तारीफ बात यह है कि वह कोरोना की चपेट में आकर भी काम करतीं रही। वह एक बार 26 अगस्त को कोरोना की चपेट में आई तो दूसरी बार

27 नवंबर 2020 संक्रमित हो गईं।

दोनों बार कोरोना की चपेट में आने पर वह कतई नहीं घबराई। बोलीं कि मैने कोरोना को हावी नहीं होने

दिया। वैसे भी मुझे भरोसा था कि बच्चों और महिलाओं की दुआ मेरे साथ है। इसलिए कोरोना मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।

दोनों बार होम क्वारंटाइन रहकर बच्चों और महिलाओं के लिए काम किया। जब वह दूसरी बार कोरोना की चपेट में आई तो बाल विवाह की सूचना मिली जिसकी जानकारी उन्होंने डीएम को देकर उस बाल विवाह को रुकवाया। वचरुंअल काम कर 10 पीड़ित बच्चों को इंसाफ दिलाया।

वह बताती हैं कि बेशक कोरोना नई बीमारी है लेकिन इसे अपने ऊपर हावी नहीं होने दें, लेकिन कोविड का नियम कडाई से पालन करें। मैने खुद ऐसा किया है इम्युनिटी बढ़ाने को दाल-चावल व दही खाई तथा जूस और मौसमी फल खाए। दोनों बार कोरोना को हराकर पहले की तरह महिलाओं और बच्चों के लिए काम में जुट गईं। जिला विकास अधिकारी हुब लाल कहते हैं कि वाकई दीपांजलि ने कोरोना पाजिटिव होने के बावजूद घर से ही काम करतीं रहीं।

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