रेमडेसिविर सौदागरों की जमानत अर्जी पर सुनवाई टली

नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में आरोपित पिता-पुत्र की जमानत पर सुनवाई नहीं हो सकी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 09:53 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 09:53 PM (IST)
रेमडेसिविर सौदागरों की जमानत अर्जी पर सुनवाई टली
रेमडेसिविर सौदागरों की जमानत अर्जी पर सुनवाई टली

बागपत, जेएनएन। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में आरोपित पिता-पुत्र की जमानत अर्जी पर सोमवार को भी सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत ने केस की सुनवाई की अगली तिथि 16 जून नियत की है।

बागपत पुलिस ने शहर के राष्ट्रवंदना चौक पर एक्सयूवी कार से गत 19 मई को 60 इंजेक्शन रेमडेसिविर बरामद कर तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इनमें मनमोहन व उसका बेटा मुकंद निवासी गांधी कालोनी, नई मंडी मुजफ्फरनगर व बिशन निवासी सलेमपुर चौक रानीपुर हरिद्वार थे। 20 मई को तीनों आरोपितों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया था। वहीं लखनऊ लैब रिपोर्ट से इंजेक्शन नकली होने की पुष्टि हुई। आरोपित मनमोहन व मुकंद की जमानत के लिए अधिवक्ता के माध्यम से अदालत में अर्जी दाखिल की थी। चार जून को अदालत में जमानत अर्जी पर सुनवाई नहीं हुई थी। अदालत ने 14 जून की तिथि नियत की थी। एडीजीसी अनुज ढाका ने बताया कि पुलिस ने केस के संबंध में दस्तावेज अदालत में दाखिल नहीं किए है। इसी कारण केस की सुनवाई नहीं हो पाई। अदालत ने केस की सुनवाई की अगली तिथि 16 जून नियत की है। डीएम के फटकार के बावजूद नहीं सुधरी गेहूं क्रय केंद्र की व्यवस्थाएं

कृषि उत्पादन मंडी के गेहूं क्रय केंद्र पर अव्यवस्थाओं डीएम के फटकार के बावजूद हावी है। यहां न तो पेयजल उचित व्यवस्था है और विद्युत आपूर्ति भी बदहाल है। कई किसानों का आरोप है कि टोकन मिलने के बावजूद उनका गेहूं नहीं खरीदा जा रहा। तीन दिन पूर्व कृषि उत्पादन मंडी में गेंहू क्रय केंद्र के निरीक्षण के दौरान बदहाली मिलने पर डीएम राजकमल यादव ने एसएमआई को कड़ी फटकार लगाते हुए दो दिनों में व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए थे।र तीन दिन बीतने के बावजूद केंद्र पर व्यवस्थाएं जस की तस है। गेहूं का उठान भी कम हो रहा है और काफी मात्रा में गेहूं इधर-उधर बिखरा पड़ा है। इसके अलावा किसानों के गेहूं की खरीद की गति भी बेहद धीमी है। किसानों का आरोप है कि माफियाओं से गेहूं खरीदकर लक्ष्य पूरा दिखाया जा रहा है, जबकि छोटे किसानों को टोकन देने के बावजूद उनके गेहूं की खरीद नहीं की जा रही। उधर, संबंध में एसएमआई विष्णु शंकर का कहना है कि धीरे-धीरे व्यवस्थाओं का दुरूस्त कराया जा रहा है।

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